October 3, 2024

जोशीमठ आपदा: एक साल से किराये के घर में रहने को मजबूर 24 परिवार, नवंबर तक सरकार ने किया भुगतान; अब खुद दे रहे

मनोहर बाग वार्ड के लक्ष्मी प्रसाद सती का कहना है कि आपदा से मकान के चारों ओर दरारें आ गई थीं, जिस कारण पूरा परिवार राहत शिविर में चला गया था। पांच माह तक शिविर में रहे, इसके बाद नगर में ही किराये के कमरों पर रह रहे हैं।

Joshimath disaster 24 families live in rented house for one year government paid rent till November

पिछले साल भू-धंसाव के बाद जोशीमठ के कई वार्डों में 181 भवन असुरक्षित घोषित किए गए थे। इन मकानों में रहने वाले परिवार राहत शिविरों में चले गए थे, जिनमें से 24 परिवार ऐसे हैं, जो अभी तक किराये के मकानों में रह रहे हैं।

उन्होंने घर का कुछ सामान तो बेच दिया था, जबकि बचा सामान क्षतिग्रस्त मकानों में ही रखा है, जबकि तहसील प्रशासन ने बीते वर्ष नवंबर तक का तो किराया दिया, लेकिन अब किराया भी खुद देना पड़ रहा है। आपदा प्रभावितों का कहना है कि आपदा ने घर छीन लिया, जिससे किराये के मकान में रहने के लिए मजबूर हैं।

मनोहर बाग वार्ड के लक्ष्मी प्रसाद सती का कहना है कि आपदा से मकान के चारों ओर दरारें आ गई थीं, जिस कारण पूरा परिवार राहत शिविर में चला गया था। पांच माह तक शिविर में रहे, इसके बाद नगर में ही किराये के कमरों पर रह रहे हैं। उनका दो कमरों का मकान था। दो गाय और एक गोशाला भी थी।

आपदा के बाद गोशाला और पशु बेच दिए। घर की जरूरी वस्तुएं रखीं और अन्य सामान बेचना पड़ा। उन्हें तहसील प्रशासन की ओर से बीते वर्ष नवंबर माह तक के किराये का भुगतान किया गया था। अब खुद ही किराया देना पड़ रहा है। रविग्राम वार्ड के गजेंद्र सिंह ने बताया, उनका भी दो कमरों का मकान था, जो भू-धंसाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था।

दो माह तक राहत शिविर में रहे, उसके बाद क्षतिग्रस्त मकानों में ही लौट गए। हालांकि, तहसील प्रशासन की ओर से बीते नवंबर माह तक के किराये का ही भुगतान किया गया था।