सबके राम: मैं हैरान रह गया जब एसडीएम बोले, मैं भी हूं राम भक्त…मंत्री ने आंदोलन के समय की यादों को किया साझा
हमारे लिए राम शिलाओं का पूजन आसान नहीं था। मैं बालावाला, नकरौंदा, दूधली, थानो, भोगपुर, बुल्लावाला समेत कई इलाकों में सभाएं करता था। हमने साध्वी ऋतंभरा व अन्य संतों की सभाएं भी कराई। मैं पुलिस की आंखों में चढ़ गया था। एक दिन मैं अपनी दुकान बैठा था। कुछ पुलिसकर्मी आए कि तुमसे कार्यक्रमों के संबंध में वार्ता करनी है। मुझे डोईवाला पुलिस थाने में बुलाया गया और अचानक गिरफ्तार कर लिया गया।
दुकान की चाभी देने के बहाने मैंने स्थानीय लोगों से अपनी गिरफ्तारी की खबर बाहर पहुंचाई तो कुछ ही देर में 500 से अधिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने थाना घेर लिया। भीड़ मुझे पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा कर ले गई। उस दिन से मैं पुलिस से छुपता-छुपाता रहा। हरियाणा अपनी ससुराल तक पहुंचा। इस बीच पिताजी की भी तलाश शुरू हो गई। तब हमारा कारोबार खूब चलता था। लेकिन धीरे-धीरे वह भी मंदा होता रहा।
लौटा तो मुझे श्री राम कार सेवा का जिला संयोजक बना दिया गया। मेरा दायरा रायवाला, ऋषिकेश, माजरी, शेरगढ़ तक बढ़ गया। पुलिस मुझे खोजती रही और एक दिन मुझे गिरफ्तार कर देहरादून ले गई। तब मेरी जेब में एक पैसा नहीं था। मुझे अंदेशा था कि पुलिस हमें कहीं छोड़ देगी, इसलिए किराये के लिए मैंने पुलिस से कुछ पैसे मांगे।
इससे पुलिस गुस्से में आ गई। उसके हाथ जो भी व्यक्ति लगा, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सब्जी लेने बाजार आए एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में हमने भी थाने में गिरफ्तारी दे दी। हमें टिहरी जेल ले जाया गया। मैं वहां 19 दिन तक कैद में रहा। हम जेल में राम भजन, हनुमान चालीसा का पाठ करते थे। शाखाएं लगाते थे। जब लौटे तो स्थानीय मुस्लिम महिला मतकूल ने मेरा स्वागत किया। मुझे आज उनके शब्द सुनाई देते हैं, लौट आया प्रेम! आज हम उत्साहित और गौरवान्वित हैं कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है।