November 9, 2024

सबके राम: मैं हैरान रह गया जब एसडीएम बोले, मैं भी हूं राम भक्त…मंत्री ने आंदोलन के समय की यादों को किया साझा

अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए चले आंदोलन से जुड़ी कई यादें आज भी मेरी स्मृतियों में विद्यमान हैं। मुझे याद है जब हम टिहरी जेल में बंद थे। सबसे आखिर में मेरी जमानत हुई थी। मेरे बाद एक और साथी थे, जिनकी जमानत नहीं हो पाई थी। वे मायूस थे। उनकी मायूसी मुझसे नहीं देखी जा रही थी। मैंने जिद पकड़ ली कि जब तक साथी की जमानत नहीं होगी, मैं भी जेल से नहीं जाऊंगा।

तब वहां एक एसडीएम स्तर के अधिकारी थे। उन्होंने मुझे समझाने की कोशिश की। मैं नहीं माना। वे हम दोनों को अपने आवास पर ले गए। हम आशंकित थे कि कहीं रात को पुलिस हमारी पिटाई न कर दे। लेकिन हमारी आशंकाएं तब दूर हो गईं जब उन्होंने हमें भोजन कराया और सोने के लिए कमरा दिया। मैं तो हैरान रह गया जब उन्होंने हमसे कहा, मैं भी राम भक्त हूं, लेकिन अपने दायित्व से बंधा हूं।

डोईवाला में हमारा परिवार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा रहा है। पिता जी क्षेत्र में संघ की गतिविधियों को लेकर काफी सक्रिय थे। हम भी उनके साथ जुड़े थे। मेरी आयु तब 25 वर्ष की रही होगी। मेरा विवाह हो गया था। उस समय अयोध्या से राम शिलाएं आई थीं। राम शिला पूजन के कार्यक्रम का जिम्मा मुझ पर था। उस वक्त क्षेत्र के तकरीबन सभी इलाके कांग्रेस बहुल माने जाते थे।

Construction of Ram Mandir begins in Ayodhya, says temple trust

हमारे लिए राम शिलाओं का पूजन आसान नहीं था। मैं बालावाला, नकरौंदा, दूधली, थानो, भोगपुर, बुल्लावाला समेत कई इलाकों में सभाएं करता था। हमने साध्वी ऋतंभरा व अन्य संतों की सभाएं भी कराई। मैं पुलिस की आंखों में चढ़ गया था। एक दिन मैं अपनी दुकान बैठा था। कुछ पुलिसकर्मी आए कि तुमसे कार्यक्रमों के संबंध में वार्ता करनी है। मुझे डोईवाला पुलिस थाने में बुलाया गया और अचानक गिरफ्तार कर लिया गया।

Ram Mandir | Ayodhya Ram mandir Construction update | राम मंदिर अयोध्या ...

दुकान की चाभी देने के बहाने मैंने स्थानीय लोगों से अपनी गिरफ्तारी की खबर बाहर पहुंचाई तो कुछ ही देर में 500 से अधिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने थाना घेर लिया। भीड़ मुझे पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा कर ले गई। उस दिन से मैं पुलिस से छुपता-छुपाता रहा। हरियाणा अपनी ससुराल तक पहुंचा। इस बीच पिताजी की भी तलाश शुरू हो गई। तब हमारा कारोबार खूब चलता था। लेकिन धीरे-धीरे वह भी मंदा होता रहा।

Ayodhya Ram temple: Another icing on the cake for BJP under Narendra ...

लौटा तो मुझे श्री राम कार सेवा का जिला संयोजक बना दिया गया। मेरा दायरा रायवाला, ऋषिकेश, माजरी, शेरगढ़ तक बढ़ गया। पुलिस मुझे खोजती रही और एक दिन मुझे गिरफ्तार कर देहरादून ले गई। तब मेरी जेब में एक पैसा नहीं था। मुझे अंदेशा था कि पुलिस हमें कहीं छोड़ देगी, इसलिए किराये के लिए मैंने पुलिस से कुछ पैसे मांगे।

मुझे उन्होंने 192 रुपये दिए। हमें पुलिस लाइन ले जाया गया, जहां से टिहरी जेल ले जाने के लिए एक बस में बैठाया गया। बस जैसे ही डोईवाला पहुंची तो वहां सैकड़ों की संख्या राम भक्त इंतजार कर रहे थे। मैंने बस से सिर बाहर निकाला तो मुझे देखकर रामभक्त उत्तेजित हो गए। जय श्रीराम के नारे लगाते हुए वे बस में दाखिल हो गए। देखते ही देखते करीब 42 लोगों को छुड़ा लिया गया।