Uttarakhand: गढ़वाल विवि के 72 प्राइवेट कॉलेजों की संबद्धता पर लटकी तलवार, अगले साल से असंबद्ध करने का निर्णय
10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को असंबद्ध करने का निर्णय लेते हुए इसकी जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व राज्य सरकार को भेज दी है। 72 प्राइवेट कॉलेजों को विवि हर साल अस्थायी संबद्धता देता है। इस साल परिषद ने तय किया है कि आखिरी बार केवल छात्रहित में अस्थायी संबद्धता दी जाए।

वर्ष 2009 में गढ़वाल विवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था। उस वक्त जो एक्ट पास हुआ था, उसके सेक्शन 4-एफ में ये प्रावधान किया गया था कि जो कॉलेज विवि से संबद्ध हैं, उनका स्टेटस वैसा ही रहेगा। इस एक्ट की वजह से गढ़वाल विवि लंबे समय से इन कॉलेजों से पीछा नहीं छुड़ा पाया। हालांकि प्रदेश के सभी राजकीय डिग्री कॉलेजों को सरकार ने इस विवि से करीब दो साल पहले असंबद्ध कराते हुए श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध करा लिया था। इसके बाद से बाकी कॉलेजों को हटाने की भी कोशिशें चल रहीं थीं।
छात्रहित में अस्थायी संबद्धता दी जाए
इस साल कार्यकारी परिषद ने 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को असंबद्ध करने का निर्णय लेते हुए इसकी जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व राज्य सरकार को भेज दी है। 72 प्राइवेट कॉलेजों को विवि हर साल अस्थायी संबद्धता देता है। इस साल परिषद ने तय किया है कि आखिरी बार केवल छात्रहित में अस्थायी संबद्धता दी जाए।
अगले साल से इन कॉलेजों को विवि चरणबद्ध तरीके से असंबद्ध कर देगा। उधर, एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि गढ़वाल विवि के एक्ट के सेक्शन 4 एफ के मुताबिक कॉलेजों को जबरन असंबद्ध नहीं किया जा सकता। इसके लिए या तो कॉलेज खुद एनओसी मांगें या फिर सरकार एक्ट में संशोधन करे। उन्होंने कार्यकारी परिषद के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की।