December 5, 2024

World Photography Day: जब बाघ की तस्वीर खींचना था सपने जैसा.. तब जानें कैसे जंगल के राजा ने ही ली थी सेल्फी

World Photography Day A century ago when the king of the jungle took a selfie Uttarakhand news in hindi

जंगल में एक सदी पहले बाघ की तस्वीर खींचना जब सपने सरीखा था तब एक वन अधिकारी ने जंगल के राजा से ही उसकी तस्वीर खिंचवाने में कामयाबी हासिल की थी। उन्होंने बाघ के मूवमेंट वाले इलाके में कैमरे को वायर से ऐसे जोड़ा कि बाघ के वायर पर पैर रखते ही उसकी तस्वीर खिंच गई।

 

फ्लैश की तरह रोशनी का भी इंतजाम किया गया था। फ्रेडरिक वाल्टर चैंपियन की इस तकनीक के जरिये खीचीं गई जंगल की तस्वीरों के जरिये वन्यजीवों के संरक्षण और अध्ययन का रास्ता साफ हुआ। सेना में सेवा दे चुके फ्रैडरिक वाल्टर चैंपियन फॉरेस्ट सर्विस में आए। वह हल्द्वानी वन प्रभाग और कालागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ भी रहे।

 

ट्रिप वायर तकनीक का किया था इस्तेमाल
वन अनुसंधान के उप वन संरक्षक कुंदन कुमार बताते हैं कि 1920 से 1930 के बीच चैंपियन ने ट्रिप वायर तकनीक का इस्तेमाल किया और पहली बार वासस्थल पर बाघ का फोटो लेने में कामयाब हुए थे। उन्होंने ट्रिप वायर तकनीक मौजूदा कैमरा ट्रैप (सेंसर बैटरी और मेमोरी कार्ड शामिल) की तरह है, इसमें इंसानी उपस्थिति के बगैर फोटो खींच जाती है। इस तकनीकी से वाल्टर ने कई फोटो खींची। यह पहली बार था जब बाघ की फोटो उसके वासस्थल पर खींची गई।

इसके साथ ही यह बात भी सामने आई कि हर बाघ पर अलग-अलग विशिष्ट धारी होती है जिससे आगे अध्ययन के लिए रास्ता साफ हुआ था। इस तकनीक से बाघ के अलावा तेंदुआ, स्लोथ बियर, पैंगोलिन समेत अन्य वन्यजंतुओं की तस्वीर भी कैप्चर हुईं। वनाधिकारियों के अनुसार उस दौर में कालागढ़ वन प्रभाग के रेस्ट हाउस में फोटो तैयार करने के लिए एक लैब होने की बात भी कही जाती है।

चैंपियन ने कई किताबें भी लिखीं
एफडब्ल्यू चैंपियन ने कई किताबें भी लिखीं। इनमें विद ए कैमरा इन टाइगर लैंड और द जंगल इन सनलाइट एंड शैडो भी हैं। चैंपियन ने वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भी कई कोशिश की थी। वे 1935 में बने हेली नेशनल पार्क के संस्थापक सदस्यों में एक थे। वनाधिकारियों के अनुसार जिम कॉर्बेट पर चैंपियन का काफी प्रभाव था। चैंपियन उस समय हैली नेशनल पार्क (कार्बेट नेशनल पार्क) के संस्थापक सदस्य भी थे।