उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला जारी है। रविवार को बारिश के कारण उत्तरकाशी में नदियां ऊफान आ गईं। उधर, पोखू देवता मंदिर के पास गंगोत्री हाईवे का 10 मीटर हिस्सा भू-धंसाव की जद में आया। जिसके कारण बिजली का पोल भी क्षतिग्रस्त हो गया।
वहीं, गंगोत्री हाईवे पर बंदरकोट के पास भारी भूस्खलन हो गया। जिसके चलते हाईवे बोल्डर और मलबा आने के कारण बंद हो गया। पुलिस प्रशासन ने यात्री वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है।
साथ ही जिले में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन ने गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे समेत मुख्य मोटर मार्गों पर पुलिस बैरियर से रात्री आठ बजे से सुबह पांच बजे तक वाहनों की आवाजाही पर लगाई रोक लगा दी है। केवल आपातकालीन वाहनों और सैन्य वाहनों को ही आवाजाही की छूट रहेगी। वहीं जिले में तेज बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है।
टोंस नदी खतरे के निशान पर बह रही है। यमुना भी चेतावनी के जलस्तर पर बह रही है। भागीरथी नदी का जलस्तर अभी चेतावनी से नीचे है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा की नदियों के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है। जनपद के सभी अधिकारियों को अपने फोन खुले रखने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं, यमुनोत्री धाम पहुंच रहे कावंडिए जान जोखिम में डालकर यमुना नदी से जल भरने को मजबूर हैं। धाम में नदी किनारे स्नान घाट नहीं होने से दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। घाटी में लगातार बारिश से नदी का जलप्रवाह तेज होने के कारण दुर्घटना की आशंका बढ़ गई विज्ञापन
बता दें कि उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में रविवार से अगले चार दिन तक कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने नौ से 12 जुलाई तक प्रदेशभर के सभी जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।