October 6, 2025

Uttarkashi Landslide: यमुनोत्री पैदल मार्ग पर रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ शुरू, कुछ और लोगों के दबे होने की है आंशका

यमुनोत्री धाम के पैदल पर मार्ग पर सोमवार को अचानक पहाड़ी से भूस्खलन होने से अफरा-तफरी मच गई। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। तेज बारिश होने के कारण रात करीब नौ बजे रेस्क्यू अभियान रोक दिया गया था। आज सुबह फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

Uttarkashi Landslide on Yamunotri walking route rescue operation resumed people buried under rubble Death

यमुनोत्री धाम के पैदल पर मार्ग पर सोमवार को पहाड़ी से हुए भूस्खलन के बाद आज सुबह फिर से खोज बचाव अभियान शुरू किया गया है। सोमवार को नौकैंची के समीप मलबा बोल्डर आने से कई लोग उसमें दब गए थे। सोमवार देर शाम तक एक 12 वर्षीय किशोरी समेत दो शव निकाल दिए गए थे, वहीं एक घायल को उपचार के लिए भेजा गया था। एक से दो और लोगों के दबे होने की आशंका है। रात करीब नौ बजे तेज बारिश होने के कारण रेस्क्यू अभियान रोक दिया गया था।

जानकारी के अनुसार, जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौैकैंची के पास अचानक बोल्डर और मलबा गिर गया था। उस दौरान पैदल मार्ग पर जा रहे करीब चार से पांच लोग बोल्डर के साथ खाई में जा गिरे। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंची। मलबे और बोल्डर के नीचे दबे मुंबई निवासी रशिक को बाहर निकालकर उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जानकीचट्टी भेजा।

उनके सिर और हाथ पर चोट लगी है और वह खतरे से बाहर हैं। जबकि एक 12 वर्षीय किशोरी और एक पुरुष का शव मिला है, दोनों की पहचान नहीं हो पाई है। आशंका है कि मलबे में एक से दो और लोग दबे हो सकते हैं। डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि दो लोगों के शव मिले हैं, उनकी पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं, जबकि एक युवक को बचा लिया गया है। मौसम साफ होते ही फिर से रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया जाएगा।

26 जून तक प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान विभाग ने 22 से 26 जून तक राज्य के देहरादून, नैनीताल, टिहरी, चंपावत में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना जताई है। इसके मद्देनजर यूएसडीएमए के अधीन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसओईसी) ने संबंधित जिलों के डीएम को पत्र भेजकर सावधानी बरतने को कहा है। इसमें आपदा प्रबंधन आईआरएस के नामित अधिकारी व विभागीय नोडल अधिकारी अलर्ट पर रहेंगे।

बरसात में सुक्की के सात नाले गंगोत्री हाईवे पर बनेंगे मुसीबत

गंगोत्री हाईवे पर सुक्की के सात नालों पर वर्षों से बॉर्डर रोड ऑर्गनाईजेशन की ओर से सुधारीकरण और सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए गए हैं। इस कारण यह नाले हर बरसात में सड़क पर आवाजाही में मुसीबत बनते हैं। इस संबंध में कई बार स्थानीय प्रशासन और बीआरओ से कई बार वहां पर सुरक्षात्मक कार्यों की मांग कर चुके हैं।

स्थानीय निवासी संजय राणा, मनोज नेगी, भागवत पंवार, दीपक राणा, अजय नेगी आदि का कहना है कि हर्षिल घाटी सहित गंगोत्री और भारत-चीन अंतराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने का गंगोत्री हाईवे एक मात्र साधन है। इसमें हर्षिल घाटी शुरू होने से पहले ही हाईवे पर सात नाले हर वर्ष बरसात में मुसीबत बनते हैं। इस कारण चारधाम यात्रा के यात्रियों सहित आठ गांव के ग्रामीणों और सेना व आईटीबीपी के जवानों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

क्योंकि कई बार बरसात में इन नालों में जलस्तर बढ़ने और मलबा आने के कारण यह कई दिनों तक सड़क बंद रहती है। क्योंकि सड़क पर सात स्थानों पर एक साथ मलबा आने के कारण मशीनरी को इसे साफ करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर कई बार बारिश होने पर इन नालों में जलस्तर बढ़ने के कारण दोपहिया और छोटे वाहनों के बहने का खतरा भी बना रहता है। इसलिए स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और बीआरओ से इन सात नालों में सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की है।