चमोली ज़िले की घाट तहसील के नंदानगर क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण भारी तबाही हुई है। पुलिस-प्रशासन और एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीमें लगातार मौके पर जुटी हैं। रेस्क्यू के दौरान एक शव बरामद किया गया है। जबकि 12 लापता लोगों की तलाश जारी है। दो लोगों का हेली से रेस्क्यू किया गया है।
आपदा में अब तक 12 लोगों के लापता होने की सूचना है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित ग्राम कुंतरी लगा फाली है, जहां आठ लोग लापता हैं और 15 से 20 भवन व गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। रात तीन बजे के करीब भारी बारिश के बीच लोगों के घरों पर मलबा आ गिरा। दो महिलाओं और एक बच्चे को पुलिस व डीडीआरएफ की टीमों ने मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला।
क्षेत्र के दो गांवों कुंतरी लगा फाली और धुरमा से कुल 10 लोगों के लापता है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। चमोली ज़िले के नंदानगर विकासखंड में बुधवार रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। रात करीब एक बजे फाली लगा कुंतरी, सैंती लगा कुंतरी, धुर्मा और सेरा गांवों में भारी बारिश और बिजली गिरने के बाद मकान मलबे में दब गए। सैंती कुंतरी में दो लोग मलबे में दबे हैं, जबकि फाली लगा कुंतरी से पांच लोग लापता हैं। धुर्मा गांव से भी एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना है।
पेट्रोल पंप और पुराना बाजार से जोड़ने वाला पुल भी बह गया
बारिश इतनी तेज़ थी कि लोग रात में अपने घरों से बाहर निकल भागे। प्रभावित क्षेत्रों में कई गौशालाएं और मवेशी भी बह गए हैं। मोक्ष गाड़ गदेरा उफान पर आ गया, जिससे सेरा गांव में कई मकान बह गए और नंदप्रयाग–नंदानगर मोटर पुल भी खतरे की जद में आ गया। पेट्रोल पंप और पुराना बाजार से जोड़ने वाला पुल भी बह गया है।
थराली क्षेत्र, सोल घाटी और आसपास के गांवों में भी तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कई जगह सड़कें बंद हैं और संपर्क कट गया है। नंदानगर के सालूबगड़ और लांखी जैसे क्षेत्रों में मकानों को खतरा बना हुआ है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। मेडिकल टीमें और एंबुलेंस भी रवाना कर दी गई हैं। धुर्मा गांव में भी मकानों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन जनहानि नहीं हुई है।