Chaitra Navratri 2023: देवभूमि में शुरू हुई शक्ति की आराधना, घरों में मां दुर्गा विराजमान, देखें तस्वीरें

घटस्थापना के साथ ही चैत्र नवरात्र शुरू हो गए हैं। दुर्गाशप्तसती पाठ के साथ शहर के मंदिरों में धूम है। आचार्यों ने कलश स्थापित करने के लिए बुधवार की सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 55 मिनट तक का समय शुभ बताया है। आचार्य विजेंद्र प्रसाद मंमगांई ने कहा कि यदि उक्त समय पर जो कलश स्थापित करने से चूक जाएं, उन्हें दिन के 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट के बीच स्थापना करनी चाहिए।
चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन मां के प्रथम रूप शैलपुत्री की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। भक्त माता की चौकी, अखंड ज्योति व प्रतिमा भी स्थापित करेंगे। इसके पहले मंगलवार को नवरात्र की पूर्व संध्या पर शहर के बाजारों में पूजन-सामग्री खरीदने के लिए भीड़ लगी रही। बड़े बाजारों से लेकर छोटे बाजारों तक में रौनक है। रामनवमी 30 मार्च को है। मां के द्वितीय रूप ब्रह्मचारिणी की पूजा गुरुवार को की जाएगी।
मां डाट काली मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब
सहारनपुर हाईवे पर स्थित मां डाट काली मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां नवरात्र पर जबरदस्त भीड़ होती है। नवरात्र पर विशेष पूजा कर श्रद्धालु मां के आंगन में एक चुनरी बांधकर अपनी मनोकामना मां से कहते हैं। फिर मनोकामना पूर्ण होने पर उस चुनरी को खोलने आते हैं।
डाट काली मंदिर को मनोकामना सिद्ध पीठ और उत्तराखंड की इष्ट देवी के रूप में भी जाना जाता है। बताते हैं कि मंदिर का निर्माण महंत सुखबीर गुसाईं ने 1804 में कराया था। डाट काली मंदिर के पास ही उनकी बड़ी बहन भद्रकाली का मंदिर भी है जो देहरादून से सहारनपुर जाते वक्त सुरंग से पहले पड़ता है। कहा जाता है कि मां डाट काली के दर्शन के बाद मां भद्रकाली के दर्शन किए जाते हैं।

आज से शक्ति आराधना और पूजा पाठ का महापर्व चैत्र नवरात्रि शुरू हो गए हैं। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है, जो 30 मार्च तक रहेगी।

साथ ही 30 मार्च को श्रीराम नवमी मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद पवित्र माना गया है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है।


