November 21, 2025

उत्तराखंड में फूलदेई उत्सव: सज धज कर फूलों की टोकरी लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे बच्चे, योगी आदित्यनाथ सहित कई हस्तियों ने दी बधाई, तस्वीरें

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फूलदेई

उत्तराखंड में आज से फूलदेई का उत्सव शुरू हो गया है। सुबह-सुबह ही बच्चे हाथों में फूलों की टोकरी लेकर लोगों के घरों की देहरी पर फूल डालने निकल पड़े हैं। राजधानी में कुछ बच्चे सीएम आवास पहुंचे हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में बच्चों के साथ उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई मनाया।

पुष्कर सिंह धामी ने  प्रकृति का आभार प्रकट करने वाले फूलदेई पर्व की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी और प्रदेश की सुख- समृद्धि की कामना की। उन्होंने अपने आवास पर पहुंचे बच्चों को उपहार भेंट किये। शशिभूषण मैठाणी एवं पर्वतीय संस्कृति संरक्षण समिति के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने कहा कि फूलदेई उत्तराखंड की संस्कृति एवं परंपराओं से जुड़ा प्रमुख पर्व है। कहा कि किसी भी राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास करने होंगें।

फूलदेई

चैत्र की संक्रांति से पूरे माह तक बच्चे घरों और मंदिरों की देहरी पर रंग-बिरंगे फूलों को बिखरेंगे। भारतीय सनातन संस्कृति में प्रत्येक संक्रांति को पर्व के रूप में मनाया जाता है, लेकिन चैत्र संक्रांति के दिन प्रकृति संरक्षण को समर्पित फूल देई का पर्व मनाने की परंपरा है। फूलों का यह पर्व पूरे मास चलेगा।

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चैत की संक्रांति यानी फूल संक्रांति से शुरू होकर इस पूरे महीने घरों की देहरी पर फूल डाले जाते हैं। फूल डालने वाले बच्चे फुलारी कहलाते हैं। फूलदेई संक्रांति पर नगर और गांव के बच्चे सुबह उठकर खेत-खलिहानों के आस-पास उगे रंगीन फूल चुनकर लाए और सूर्योदय से पूर्व घरों की देहरी पर डालना शुरू कर दिया।

फूलदेई

बच्चे ने गांव और मोहल्ले की ओर निकलकर फूल देई छम्मा देई दैणी द्वार भर भकार यो देई सौं बारंबार नमस्कार… गीत गाते हुए आस-पास के घरों और मंदिरों की देहरी पर फूल बिखेरत डाले। लोगों ने भी बच्चों को आशीर्वाद के साथ ही भेंट स्वरूप मिठाई और दक्षिणा दी।

फूलदेई

पं. हर्षमणि बहुगुणा ने बताया कि फूलदेई उत्सव बच्चों के प्रमुख त्योहार में शामिल है। यह मौल्यार वसंत का भी पर्व है। इन दिनों उत्तराखंड में फूलों की चादर बिछी दिखती है। माना जाता है कि घर के द्वार पर फूल डालकर ईश्वर भी प्रसन्न होंगे और खुशियां बरसाएंगे।

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