उत्तराखंड: प्रसिद्ध समाजसेवी पद्मश्री अवधेश कौशल का निधन, दून में ली अंतिम सांस
अवधेश कौशल ने मानवाधिकारों और पर्यावरण के लिए जीवनभर काम किया। उन्होंने संस्था के माध्यम से कई सामाजिक कार्यों में न सिर्फ भाग लिया, बल्कि ज्वलंत समस्याओं के निस्तारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रख्यात समाजसेवी एवं पद्मश्री अवधेश कौशल (87) का मंगलवार को सुबह शहर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। कौशल की बहू रुचि कौशल ने बताया कि वह लंबे समय से बीमार थे। सोमवार से उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और मंगलवार को तड़के पांच बजे अंतिम सांस ली।
गैर सरकारी संगठन रूरल लिटिगेशन एंड एनलाइटनमेंट केंद्र (रूलक) के संस्थापक कौशल ने मानवाधिकारों और पर्यावरण के लिए जीवनभर काम किया। उन्होंने संस्था के माध्यम से कई सामाजिक कार्यों में न सिर्फ भाग लिया, बल्कि ज्वलंत समस्याओं के निस्तारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं को लेकर भी उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कौशल के निधन की खबर के बाद शोक की लहर दौड़ गई। राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविदों समेत आम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रख्यात समाजसेवी एवं पद्मश्री अवधेश कौशल (87) का मंगलवार को सुबह शहर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। कौशल की बहू रुचि कौशल ने बताया कि वह लंबे समय से बीमार थे। सोमवार से उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और मंगलवार को तड़के पांच बजे अंतिम सांस ली।
गैर सरकारी संगठन रूरल लिटिगेशन एंड एनलाइटनमेंट केंद्र (रूलक) के संस्थापक कौशल ने मानवाधिकारों और पर्यावरण के लिए जीवनभर काम किया। उन्होंने संस्था के माध्यम से कई सामाजिक कार्यों में न सिर्फ भाग लिया, बल्कि ज्वलंत समस्याओं के निस्तारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं को लेकर भी उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कौशल के निधन की खबर के बाद शोक की लहर दौड़ गई। राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविदों समेत आम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीएम ने जताया शोक
पद्मश्री अवधेश कौशल के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शोक जताया। वहीं, उनके निधन से सामाजिक संगठनों में भी शोक की लहर है।
