November 21, 2025

Paddy Purchase: उत्तराखंड में एक अक्तूबर से शुरू होगी धान की खरीद, नौ लाख मीट्रिक टन रखा लक्ष्य

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इस साल धान के मूल्य में प्रति क्विंटल 100 रुपये की वृद्धि की गई है। सामान्य धान का मूल्य 1940 रुपये से बढ़ाकर प्रति क्विंटल 2040 एवं ग्रेड ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1960 रुपये से बढ़ाकर 2060 रुपये घोषित किया गया है।

उत्तराखंड की खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने मंगलवार को खरीफ खरीद फसल 2022-23 की समीक्षा बैठक ली। सचिवालय सभागार में आयोजित बैठक में मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक अक्तूबर से धान की खरीद शुरू होगी। इस साल धान के मूल्य में प्रति क्विंटल 100 रुपये की वृद्धि की गई है। सामान्य धान का मूल्य 1940 रुपये से बढ़ाकर प्रति क्विंटल 2040 एवं ग्रेड ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1960 रुपये से बढ़ाकर 2060 रुपये घोषित किया गया है।

खाद्य मंत्री ने कहा कि इस सीजन में धान खरीद का लक्ष्य नौ लाख मीट्रिक टन रखा गया है।  धान की खरीद के लिए विभागीय अधिकारी सभी तैयारियां पूरी कर लें। धान खरीद केंद्रों पर चौकीदार, कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे सीजनल स्टाफ की नियुक्ति कर ली जाए। साथ ही सभी केंद्रों पर धान खरीद के लिए कांटे लगा लिए जाएं ताकि एक अक्तूबर से शुरू होने वाली धान की खरीद किसी तरह से प्रभावित न हो। विभागीय मंत्री ने एक से 15 अक्तूबर तक सरकारी विभागों से धान खरीदने एवं इसके बाद कमीशन एजेंट के माध्यम से किसानों से धान खरीद कराने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि खरीफ सीजन में कुल 9 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है।

विभागीय मंत्री ने कहा कि चार एजेंसियों खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग, नैफेड और एनसीसीएफ को धान खरीदने के लिए नामित किया गया है। खरीफ सीजन में करीब 257 खरीद केंद्र खोले गए हैं। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल जनपदों के डीएम को निर्देश दिया कि चालू सीजन में कितने हेक्टेयर में धान की बुवाई की गई एवं इसका कितना उत्पादन हुआ जल्द ही इसकी जानकारी दें।

बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे स्थानीय उत्पाद जिनका केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ है, जिनमें मंडुआ, मक्का, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, तिल, ज्वार आदि शामिल हैं। इनके खरीद के लिए एक कार्ययोजना तैयार करें। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पहाड़ के स्थानीय काश्तकारों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए यह पहल वरदान साबित होगी। इससे पहाड़ के स्थानीय उत्पादों को एक नई पहचान मिलेगी। साथ ही पहाड़ के किसान भी लाभान्वित होंगे।

बैठक में महाप्रबंधक एफसीआई राजेश सिंह, आरएफसी कुमाऊं बीएस चलाल, आरएफसी गढ़वाल बीएल राणा, सचिव खाद्य बृजेश कुमार संत ,खाद्य आयुक्त मेहरबान सिंह बिष्ट, अपर सचिव रणबीर सिंह चौहान, अपर आयुक्त खाद्य पीएस पांगती, उप सचिव ए कुमार राजू आदि विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

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