Joshimath Sinking: होटलों का ध्वस्तीकरण जारी, पुनर्वास के लिए प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम भी जोरों पर
जोशीमठ में रविवार तक दरारों वाले मकानों की संख्या 863 थीं, जो सोमवार को बढ़कर 868 हो गई हैं। भू-धंसाव से सिंहधार, गांधीनगर, मनोहर बाग और रविग्राम वार्ड अधिक प्रभावित हुआ है।

जोशीमठ में आज मोसम साफ बना हुआ है। जिसके चलते मंगलवार को फिर से दोनों होटलों का ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया गया। वहीं, सिंहधार वार्ड में जहां कल नई दरारें आई थीं उन मकानों को भी चिन्हित किया गया है।
तहसील परिसर में जारी रहा आंदोलन
पुनर्वास की मांग पर स्थानीय लोगों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। आपदा प्रभावित सिंहधार, मनोहरबाग, गांधीनगर क्षेत्र की महिलाओं ने तहसील परिसर में धरना दिया। महिलाओं का कहना है कि सरकार की ओर से पुनर्वास मामले में अनावश्यक देरी की जा रही है। राहत शिविरों में अधिक समय तक नहीं रहा जा सकता है। बच्चों के साथ शिविरों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम जोरों पर
भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए ढाक और उद्यान विभाग की भूमि पर प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम जोरों पर है। टीपीसी तिराहे पर उद्यान विभाग की भूमि पर तीन और ढाक में 15 प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं। उद्यान विभाग की भूमि पर एक, दो और तीन कमरों के प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं। यहां घरों को बनाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है।
उद्यान विभाग की भूमि पर 18 जनवरी से प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम शुरू हो गया था जबकि ढाक गांव में 26 जनवरी से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के तकनीकी सहयोग से 15 घर बनाए जा रहे हैं। आरडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अल्ला दीया ने बताया कि उद्यान विभाग की जमीन पर बनाए जा रहे घरों का निर्माण अब अंतिम चरण में है। कहा कि प्री-फैब्रिकेटेड घरों के निर्माण के लिए जो पैनल बनाए जा रहे हैं उसे डिमांड के आधार पर बनाया जाता है, जिसके कारण हटों के निर्माण में देरी हो रही है। जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा।
