आपदा से कई गांवों में लोगों का सब कुछ तबाह हो चुका है। बरबादी के मंजर का डर लोगों की आंखों में साफ झलक रहा है। न तो लोगों के पास पहनने के लिए कपड़े हैं न ही और कुछ। एक-दो घर बचे हैं उनमें भी मलबा भरा हुआ है। कई जगह तो लोगों के आशियाने मलबे में बदल चुके हैं। वहीं, लोग जो कुछ सामान घरों में बचा है उन्हें बाहर निकालकर दूसरी जगह रख रहे हैं।
दून में आई आपदा ने लोगों को गहरा दर्द दिया है। आशियानें, दुकानें सब कुछ तबाह हो चुका है। सहस्रधारा, मजाडा, कार्लीगाड़, मालदेवता समेत अन्य क्षेत्रों में तबाही का मंजर लोगों को डरा रहा है। प्रभावितों के पास न तो कपड़े हैं न ही खाने पीने का सामान।
आंखों में तबाही का दर्द है और अपने घरों को देखकर आंसू झलक रहे हैं। कई लोग तो गांव से दूसरी जगह रह रहे है। वहीं, तबाही वाले गांवों में लोग कुछ एक जो सामान बचा है उसे निकाल रहे हैं और दूसरी जगह ले जा रहे हैं।
आपदा प्रभावित राजेश, विनोद, शीतल ने बताया कि आपदा के कारण घर में रखा सामान नष्ट हो चुका है। दूसरी जगह ही रात बिता रहे हैं। गांव का मंजर तक आंखों से देखा नहीं जा रहा है। संवाद
जहां आशियाने बचे वहां मलबे से खराब हो गया सामान
आपदा में कई जगह लोगों के घर तक तबाह हो चुके हैं। ऐसे में जहां घर बचे हैं वहां मलबा भर गया है। इसके कारण मलबे से लोगों के घरोंं में रखा सामान खराब हो गया है। मलबे के कारण लोग घरों में भी नहीं रह पा रहे हैं।