November 21, 2025

Doon-Delhi Expressway: देहरादून-दिल्ली आने-जाने के लिए अब दो टनल, डाटकाली क्षेत्र में तीसरी सुरंग बनकर तैयार

देहरादून में एक्सप्रेस-वे आशारोड़ी क्षेत्र से शुरू होता है। इससे करीब साढ़े तीन किमी आगे चलकर दिल्ली से देहरादून आने वाले ट्रैफिक के लिए नई सुरंग बनकर तैयार है। वहीं डाट काली क्षेत्र में दो नई सुरंगों के निर्माण के बाद भी पुरानी और सबसे पहली सुरंग का अपना अस्तित्व और महत्व बना रहेगा।
Doon-Delhi Expressway Now two tunnels for commuting between Dehradun- Delhi Third tunnel ready in Datkali areaदून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के तहत डाटकाली क्षेत्र में तीसरी सुरंग बनकर तैयार हो गई है। आने वाले समय में देहरादून से सहारनपुर और दिल्ली की तरफ आने-जाने के लिए दो अलग-अलग सुरंगों का प्रयोग किया जाएगा, जबकि सबसे पुरानी पहली सुरंग का प्रयोग डाटा काली मंदिर में आने-जाने के लिए किया जाएगा

देहरादून में एक्सप्रेस-वे आशारोड़ी क्षेत्र से शुरू होता है। इससे करीब साढ़े तीन किमी आगे चलकर दिल्ली से देहरादून आने वाले ट्रैफिक के लिए नई सुरंग बनकर तैयार है। नई सुरंग का निर्माण तीन लेन में किया गया है। इसकी कुल लंबाई 340 मीटर है, जबकि चौड़ाई 11 मीटर है। ऊंचाई की अगर बात करें तो यह सात मीटर रखी गई है। नई सुरंग का प्रयोग दिल्ली से देहरादून की तरफ आने वाले ट्रैफिक के लिए किया जाएगा। बाहर से देखने पर यह सुरंग घोड़े के पैर में लगी नाल की तरह दिखाई देती है।

नई सुरंग के बगल में ही पुरानी सुरंग बनी है, जिस पर वर्तमान में देहरादून-दिल्ली आने-जाने वाला ट्रैफिक गुजरता है। यह सुरंग वर्ष 2018 में रिकार्ड समय में बनकर तैयार हुई थी। इस सुरंग की लंबाई भी करीब 340 मीटर है, जबकि चौड़ाई सात मीटर और ऊंचाई करीब साढ़े पांच मीटर है। कुछ समय बाद दिल्ली की तरफ से आने वाला ट्रैफिक जब नई सुरंग की तरफ डायवर्ट कर दिया जाएगा, तब इस सुरंग का इस्तेमाल देहरादून से दिल्ली की तरफ जाने वाले ट्रैफिक के लिए किया जाएगा।

उत्तरांखड और यूपी के हिस्से में आधी-आधी बंटी हैं सुरंगें
डाट काली क्षेत्र में मौजूद तीनों मौजूदा सुरंगों का दिलचस्प पहलू यह है कि यह तीन सुरंगें आधी उत्तराखंड तो आधी उत्तर प्रदेश में हैं। दोनों राज्यों की सीमा रेखा सुरंगों के बीच से होकर गुजरती है।10 करोड़ कम लागत में बनी है नई सुरंग
डाटकाली क्षेत्र में पहले बनी सुरंग (जिस पर वर्तमान में ट्रैफिक गुजर रहा) करीब 80 करोड़ रुपये की लागत से बनी थी, जबकि नई सुरंग 70 करोड़ की लागत से बनी है। इस सुरंग की चौड़ाई और ऊंचाई भी पहले वाली सुरंग से ज्यादा है।

सुरंग के दोनों छोर पर बने मुहानों का किया जाएगा सौंदर्यीकरण
एक्सप्रेस-वे के तहत बनी नई और पुरानी दोनाें सुरंगों के दोनों छोर पर बने मुहानों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसके तहत दोनों तरफ सुंदर फूल और पत्तियों वाले पौधे लगाए जाएंगे। इनको कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि इनमें उत्तराखंड की संस्कृति की झलक के साथ ही आधुनिक भारत की तस्वीर भी दिखे।

डाट काली क्षेत्र में 200 साल पहले बनी थी पहली सुरंग
डाट काली क्षेत्र में दो नई सुरंगों के निर्माण के बाद भी पुरानी और सबसे पहली सुरंग का अपना अस्तित्व और महत्व बना रहेगा। देहरादून की तरफ से डाट काली मंदिर जाने के लिए पुरानी वाली सुरंग का ही इस्तेमाल होगा। डाट काली मंदिर की पहली सुरंग का निर्माण वर्ष 1821-23 के बीच किया गया था। तब देहरादून के तत्कालीन असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट एफजे शोर ने इसका निर्माण कराया था। उस समय सहारनपुर जिले को राजपुर, मसूरी से जोड़ने के लिए इस सुरंग का निर्माण कराया गया था। आज दो सौ साल बाद भी सुरंग अच्छी स्थिति में है और आने वाले समय में भी

इसका अस्तित्व बना रहेगा।