November 21, 2025

World Cycle Day: लोगों की जरूरत अब शौक बन गई…साइकिल चलाएं, सेहत बनाएं और पर्यावरण भी बचाएं

World Cycle Day: साइकिल की बिक्री भले ही कम हुई मगर यह चलन से कभी बाहर नहीं हो पाई। नए दौर में फिटनेस बनाने के लिए साइकिलों का चलन बढ़ रहा है।

World Cycle Day People need has now become a hobby Ride a bicycle be healthy save environment too Uttarakhand

पुराने दौर में आवाजाही का अहम साधन रही साइकिल नए दौर में केवल शौक का जरिया बन गई है। लोग भले ही फिटनेस के लिए साइकिल का इस्तेमाल कर रहे हों, मगर महंगी से महंगे दामों से साइकिल की खरीद फैशन बन गई है। बाजार इस कदर हावी है कि दो साल के बच्चे से लेकर हर उम्र के लोगों के लिए साइकिल मौजूद है। इनकी कीमत एक हजार रुपये से ले कर सामान्य तौर पर करीब 25,000 रुपये तक है।

शुरूआत में बाजार में रेले टाइप साधारण साइकिलों का बिक्री शुरू हुई थी। जमाने के साथ तकनीक बदली और स्पोर्ट्स साइकिलों का चलन शुरू हुआ था। उस दौर में बड़े साइकिल का इस्तेमाल आवाजाही के लिए करते थे, वहीं बच्चे साइकिल से स्कूल की दूरी तय करते थे। बाइक और स्कूटी से दूर उस दौर में साइकिल पहले लोगों की जरूरत थी। लेकिन बदलते दौर में साइकिल की जगह स्कूटी और बाइक ने ले ली।

फिटनेस बनाने के लिए साइकिलों का चलन बढ़
साइकिल ज्यादातर गांवों में ही सिमटकर रह गई थी। लेकिन साइकिल की बिक्री भले ही कम हुई मगर यह चलन से कभी बाहर नहीं हो पाई। नए दौर में फिटनेस बनाने के लिए साइकिलों का चलन बढ़ रहा है। मुख्य बाजार में स्थित साइकिल विक्रेता गुरमीत सिंह बताते है कि अब जरूरत के बजाय साइकिल शौक बन गई है। आज के दौर में लोग हल्की से हल्की साइकिल की मांग करते हैं।

टाइटेनियम से बनी साइकिल की कीमत लाखों से शुरू होती है। लोग अब फिटनेस के लिए साइकिल का अधिक इस्तेमाल करते हैं जबकि पहले यह यातायात का अहम साधन मानी जाती थी। इस समय गियर वाली साइकिलों का चलन अधिक है। इनकी कीमत 15,000 से ले कर 65,000 तक है। इस समय देश में 20 से अधिक कंपनियां साइकिल का उत्पादन कर रही है। बच्चों की साइकिल का उत्पादन 50 से अधिक कंपनियां कर रही हैं।