December 9, 2024

Uttarakhand: ऋषिकेश की तर्ज पर देवप्रयाग और श्रीनगर चौरास में बनेंगे आस्थापथ, जानिए क्या होंगे फायदे

देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत श्रीनगर में चौरास पुल से जाखणी-नैथाणा-रानीहाटा-कीर्तिनगर तक अलकनंदा नदी के दायें किनारे आस्था पथ का निर्माण किया जाना है। प्रथम चरण में चौरास पुल से किलकिलेश्वर महादेव मंदिर तक निर्माण कार्य के लिए योजना तैयार कर शहरी विकास विभाग को भेजी गई है।

Asthapath will be built in Devprayag and Srinagar Chauras on lines of Rishikesh Uttarakhand News in hindi

ऋषिकेश की तर्ज पर गढ़वाल क्षेत्र के दो प्रमुख स्थानों देवप्रयाग और श्रीनगर चौरास में आस्थापथ का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की 2021 में घोषणा के बाद सिंचाई विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा है। इस संबंध में शीघ्र निर्णय लिया जा सकता है।

दोनों परियोजनाओं पर करीब 2015.16 लाख रुपये खर्च का आकलन किया गया है। पहली परियोजना के तहत टिहरी जिले के देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत श्रीनगर में चौरास पुल से जाखणी-नैथाणा-रानीहाटा-कीर्तिनगर तक अलकनंदा नदी के दायें किनारे आस्था पथ का निर्माण किया जाना है। प्रथम चरण में चौरास पुल से किलकिलेश्वर महादेव मंदिर तक निर्माण कार्य के लिए योजना तैयार कर शहरी विकास विभाग को भेजी गई है।

इस परियोजना पर 1387.27 लाख रुपये खर्च आने का अनुमान है। इस संबंध में मुख्य अभियंता (स्तर-2) प्रेम सिंह पंवार की ओर से प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। आस्थापथ बन जाने से इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ स्थानीय लोगों को नदी किनारे स्वच्छ हवा में टहलने के लिए एक बेहतरीन स्थान उपलब्ध हो सकेगा। 

विभागीय स्तर पर प्रस्ताव शासन को भेजे
दूसरी परियोजना के तहत देवप्रयाग में गंगा नदी के दायें किनारे पर पौड़ी मोटर पुल से झूला पुल तक आस्था पथ का निर्माण किया जाना है। इसका प्रस्ताव भी सिंचाई विभाग की शहरी विकास विभाग को भेजा गया है। इस परियोजना पर 627.89 लाख रुपये अनुमानित खर्च आएगा।

पहले यह परियोजना पर्यटन विभाग की ओर से पूरी की जानी थी। बाद में तय हुआ कि यह नगर के सौंदर्यीकरण से संबंधित है इसलिए अब इसे शहरी विकास विभाग को भेजा गया है। योजना पर अब शासन की ओर से प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति पर निर्णय लिया जाना है। सचिव सिंचाई हरिचंद्र सेमवाल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं।

मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप दोनों स्थानों पर आस्थापथ का निर्माण किया जाना है। सिंचाई विभाग के पास ऐसे कार्यों के लिए अलग से किसी प्रकार के बजट की व्यवस्था नहीं होती है। इसलिए शासन के निर्देश पर ही दोनों प्रस्ताव शहरी विकास विभाग को भेजे गए हैं। अब शासन की ओर से परियोजनाओं के लिए नमामि गंगे या विशेष योजना सहायता मद में बजट का प्रावधान किया जाएगा। – जयपाल सिंह, प्रमुख अभियंता, सिंचाई विभाग