Uttarakhand; चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज में काटे गए हजार से अधिक देवदार के पेड़, निलंबित होंगे अधिकारी
अवैध कटान विभागीय कर्मचारियों की सरपरस्ती में हुआ है। यह एक संगठित अपराध था जिसमें नाप खेत में वृक्षों के पातन की अनुमति की आड़ में आरक्षित वनों से हरे पेड़ों का अंधाधुंध कटान किया गया। पूरे प्रकरण में कुछ लोगों ने एक गिरोह की तरह काम करते हुए नाम खेत की भूमि पर खड़े पड़ों की आड़ में यह काला कारनामा किया है।

जब बाड़ ही खेत को खाने लग जाए तो बेचारा खेत क्या करे, यह कहावत वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों में बखूबी फिट बैठती है। चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज में काटे गए हजार से अधिक देवदार के पेड़ों के मामले की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में कुछ ऐसी ही बातें सामने आ रही हैं।
प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए एसओजी का गठन किया जा सकता है। प्रभागीय वनाधिकारी चकराता कल्याणी ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट वन मुख्यालय को सौंप दी है। वन विभाग की ओर से परीक्षण के बाद पहले दिन कुछ अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। यह अधिकारी-कर्मचारी वे हैं, जिनके नियुक्ति अधिकारी प्रमुख वन संरक्षक, गढ़वाल चीफ और डीएफओ हैं। इसके बाद पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
संभव है कि इस मामले में डीएफओ पर भी कार्रवाई हो। उनके प्रभाग में इतने बड़े पैमाने पर पेड़ काटे गए और उन्हें कानों-कान तक खबर नहीं लगी। हालांकि, शिकायत के बाद जिस तरह से उन्होंने तुरंत एक्शन लिया उसमें उनकी तारीफ भी हो रही है। लेकिन, पूरे मामले में लापरवाही के आरोप उन पर लग रहे हैं।