December 9, 2024

हरिद्वार: नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला फर्जी डीएम गिरफ्तार, कारनामे ऐसे कि सुनकर रह जाएंगे हैरान

निहार कर्णवाल निवासी खन्नानगर ने खुद को डीएम बताकर पहले पीडब्ल्यूडी में निरीक्षण अधिकारी और फिर एसडीएम के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की। उसके कारनामे हैरान करने वाले हैं।

Fraud in the name of job placement fake DM arrested in Haridwar Uttarakhand news in hindi

खुद को जिलाधिकारी तो कभी समीक्षा अधिकारी बताकर नौकरी लगवाने के नाम पर 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को ज्वालापुर और रानीपुर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अभी उसके तीन साथी फरार हैं।

आरोपी गैंग बनाकर नौकरी का झांसा देकर लोगों से रकम ठग रहा था। एक अन्य युवती को भी शादी का झांसा देकर नौकरी लगाने के नाम प्लॉट और कार हड़प ली थी। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

पैसे वापस मांगे तो हत्या की धमकी दी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि 21 सितंबर को ज्वालापुर कोतवाली में चेतना अरोड़ा निवासी खन्ना नगर ने मुकदमा दर्ज कराया था। निहार कर्णवाल निवासी खन्नानगर ने उसे खुद को डीएम बताकर पहले पीडब्ल्यूडी में निरीक्षण अधिकारी और फिर एसडीएम के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की थी।

खुद को ऊधमसिंहनगर का डीएम बताकर एसडीएम के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 70 लाख मांगे थे। फिर असमर्थता जताने पर उसने झांसा दिया। अपने साथी मैमकिला व निशांत कुमार गुप्ता व अन्य के साथ मिलकर चेतना के भाई का मकान 70 लाख में खरीदने के लिए कहा। 30 अगस्त को रजिस्ट्री ऑफिस में लिखा-पढ़ी कर मकान हड़प लिया। करीब 70 लाख की धोखाधड़ी होने पर जब पैसे वापस मांगे तो हत्या की धमकी दी।

भागने की फिराक में था, धरा गया

अभी मामले की जांच चल ही रही थी कि आरोपी के मंगेतर ने रानीपुर कोतवाली में शादी का झांसा देकर नौकरी लगवाने के नाम पर उसके माता-पिता से प्लॉट और फर्जी दस्तावेज बनाकर कार हड़पने के साथ ही बिना इजाजत जबरन शारीरिक संबंध बनाने का मुकदमा दर्ज कराया। इससे परेशान होकर आरोपी भागने की फिराक में था। लेकिन, इससे पहले ही सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल, ज्वालापुर कोतवाल कुंदन सिंह राणा, रानीपुर कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने टीम के साथ आरोपी निहार कर्णवाल को ऋषिकुल तिराहे मुख्य हाईवे के पास से गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी ने बताया कि फरार आरोपी निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनीवाल, मेमकिला की तलाश की जा रही है।

गनर साथ लेकर घूमता था आरोपी

सीओ निहारिका सेमवाल ने बताया कि आरोपी अपने साथी निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनिवाल व उसकी माता मेमकिला के साथ मिलकर एक गिरोह के तौर पर काम कर रहे थे। बेरोजगार युवक-युवतियों को साजिश के तहत फंसाकर नौकरी का लालच देकर ठगते थे। आरोपी निहार खुद को डीएम बताता था इसलिए गाड़ियों और गनर का इंतजाम निशांत करता था। जाल में फंसे बेरोजगारों को नौकरी लालच देकर प्रॉपर्टी डीलर निखिल बेनीवाल के माध्यम से उसके परिवार के नाम जमीन को गिफ्ट करवा लेता था। बाद में आगे दूसरी पार्टी को जमीन बेचते थे।

 

आरोपी के पिता ने कर ली थी आत्महत्या

आरोपी निहार के पिता राजेंद्र कर्णवाल ने बीते करीब दो सप्ताह पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। चर्चाएं थीं कि आरोपी की करतूत से परेशान होकर पिता ने आत्महत्या की है।