December 5, 2024

Kullu Dussehra: देवताओं का महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा शुरू, ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते पहुंचे देवलू

देवताओं के इस महाकुंभ में 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। सोमवार देर शाम तक 200 से अधिक देवी-देवता कुल्लू पहुंच गए थे। मंगलवार सुबह भी देवी-देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।

International Kullu Dussehra begins, bhagwan Raghunath Rath Yatra, Devlu arrives with gods dancing and singing

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का मंगलवार को आगाज हो गया है। सुबह से ही ढालपुर में देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। वहीं, बड़ी संख्या में देवता भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहुंचे। ढोल-नगाड़ों की मधुर ध्वनियों से पूरी घाटी गूंज उठी और देव धुनों से माहौल भक्तिमय हो गया है। हालांकि, उत्सव का आधिकारिक शुभारंभ मंगलवार शाम 4:00 बजे भगवान रघुनाथ की रथयात्रा से होगा। देवताओं के इस महाकुंभ में 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। सोमवार देर शाम तक 200 से अधिक देवी-देवता कुल्लू पहुंच गए थे। मंगलवार सुबह भी देवी-देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। करीब 300 देवी-देवताओं के उत्सव में शामिल होने की संभावना है।

ढालपुर में 1300 जवान तैनात रहेंगे। ड्रोन-सीसीटीवी से भी नजर रखी जाएगी। भगवान रघुनाथ के सम्मान में वर्ष 1660 से मेला मनाया जा रहा है। मंगलवार शाम चार बजे भगवान रघुनाथ की रथयात्रा से महाकुंभ शुरू होगा। भुवनेश्वरी माता भेखली का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू होगी। रथ मैदान से भगवान रघुनाथ ढालपुर पहुंचेंगे। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल भी भगवान रघुनाथ के दर्शन करेंगे। मेले के लिए आउटर सराज के 14 देवी-देवता 200 किमी दूर से कुल्लू पहुंचे हैं। इनमें देवता खुडीजल, ब्यास ऋषि, कोट पझारी, टकरासी नाग, चोतरू नाग, बिशलू नाग, देवता चंभू उर्टू, देवता चंभू रंदल, सप्तऋषि, देवता शरशाई नाग, देवता चंभू कशोली, कुई कांडा नाग, माता भुवनेश्वरी शामिल हैं। 

पहली बार 14 देशों के सांस्कृतिक दल देंगे प्रस्तुतियां

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कुल्लू दशहरा में पहुंचे देवी-देवता। – फोटो : संवाद
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने बताया कि दशहरा में पहली बार मलयेशिया, रूस, साउथ अफ्रीका, कजाकिस्तान, रोमानिया, वियतनाम, केन्या, श्रीलंका, ताइवान, किरगीस्तान, इराक और अमेरिका के सांस्कृतिक दल प्रस्तुति देंगे। वहीं, पहली सांस्कृतिक संध्या में पार्श्व गायक साज भट्ट, दूसरी में पंजाबी गायिका सिमर कौर, तीसरी में यूफोनी बैंड, लमन बैंड, चौथी में पंजाबी गायक शिवजोत, पांचवीं में जसराज जोशी, छठी में पार्श्व गायिका मोनाली ठाकुर, हारमनी ऑफ द पाइन्स के कलाकार आकर्षण रहेंगे। अंतिम संध्या में लोक कलाकार रमेश ठाकुर, कुशल वर्मा, लाल सिंह, खुशबू भारद्वाज, ट्विंकल दर्शकों का मनोरंजन करेंगे।

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में 32 साल बाद पहुंचे भगवान कार्तिक स्वामी

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भगवान कार्तिक स्वामी व अन्य देवता। – फोटो : संवाद
मनाली के सिमसा गांव के भगवान कार्तिक स्वामी अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में लगभग 32 साल बाद पहुंचे हैं। मंगलवार सुबह राज महल में जाकर देवता ने प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया। इसके बाद देवता ढालपुर में अपने अस्थायी शिविर में विराजमान हुए। कुल्लू दशहरे में हर वर्ष 300 से ज्यादा देवी-देवता पहुंचते हैं। इसमें कुल्लू, मनाली, आनी, बंजार के देवी-देवता भाग लेते हैं।

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देवता। – फोटो : संवाद
इस वर्ष मनाली के सिमसा गांव के कार्तिक स्वामी तीन दशकों के बाद कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल हुए हैं। जिला कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ने बताया कि कार्तिक स्वामी कुल्लू दशहरा में शिरकत कर रहे हैं। कार्तिक स्वामी सिमसा के कारदार युवराज ठाकुर ने कहा कि उनके आराध्य देव 32 साल के बाद कुल्लू दशहरा उत्सव में भाग लेने से कारकूनों और देवलुओं में उत्साह का माहौल है।

देवी-देवताओं ने भगवान रघुनाथ के दरबार में भरी हाजिरी

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देवी-देवता। – फोटो : संवाद
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में पहुंचे देवी-देवताओं ने भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी भरी। सुबह से ही ढालपुर में देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। बड़ी संख्या में देवता लाव लश्कर के साथ रघुनाथपुर पहुंचे। वहीं, भगवान रघुनाथ की ढालपुर आने से पहले पूजा-अर्चना की गई।

रथयात्रा के लिए ढालपुर आने से पहले हुई भगवान रघुनाथ की पूजा-अर्चना
भगवान रघुनाथ के सम्मान में वर्ष 1660 से अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है। रथयात्रा के लिए ढालपुर आने से पहले भगवान रघुनाथ की पूजा-अर्चना की गई। देवताओं के इस महाकुंभ में 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया था। करीब 300 देवी-देवताओं के उत्सव में शामिल होने की उम्मीद है।