November 21, 2025

Uttarakhand: अब हर साल पांच प्रतिशत बढ़ेगा वाहनों का टैक्स, प्रस्ताव कैबिनेट में लाने की तैयारी

Uttarakhand News: प्रदेश में अभी तक वाहनों का टैक्स संशोधन का कोई फार्मूला तय नहीं है। कई-कई साल तक मालवाहक और सवारी वाहनों का टैक्स नहीं बढ़ पाता।

Uttarakhand News vehicle tax will increase by five percent every year preparation to bring proposal in cabinet

राज्य में मालवाहक और सवारी वाहनों का टैक्स हर साल बढ़ेगा। परिवहन विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। कैबिनेट में प्रस्ताव लाने की भी तैयारी है। इसके बाद प्रदेश में ये नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। इससे करीब पांच प्रतिशत टैक्स हर साल बढ़ जाएगा।

प्रदेश में अभी तक वाहनों का टैक्स संशोधन का कोई फार्मूला तय नहीं है। कई-कई साल तक मालवाहक और सवारी वाहनों का टैक्स नहीं बढ़ पाता। इसके बाद जब कई साल के अंतराल में टैक्स बढ़ता है, तो यह वाहन मालिकों और जनता की जेब पर बोझ बढ़ाता है। कई साल से वाहनों के टैक्स की दरों में संशोधन नहीं हुआ है।

संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया, विभाग एक ऐसा फार्मूला तैयार कर रहा है, जिससे हर साल पांच प्रतिशत की टैक्स बढ़ोतरी हो जाएगी। उन्होंने बताया, निजी वाहनों का टैक्स उनकी कीमत के हिसाब से होता है, जिसमें उस हिसाब से ही बढ़ोतरी होती है, लेकिन मालवाहक वाहनों का टैक्स वजन के हिसाब से और सवारी वाहनों का टैक्स उनके हिसाब से होता है।

लिहाजा, इस फार्मूले के तहत इस टैक्स में हर साल स्वत: पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी। इससे वाहन मालिकों पर भी बोझ नहीं पड़ेगा। इसका प्रस्ताव कैबिनेट में आएगा, जिस पर निर्णय होने के बाद ही लागू होगा। 

किराया बढ़ोतरी का फार्मूला भी हो रहा तैयार

हर साल निजी बस, रोडवेज, ऑटो, विक्रम समेत तमाम सवारी वाहनों का किराया व भारी वाहनों का मालभाड़ा संशोधन के लिए भी फार्मूला तैयार हो रहा है। पूर्व में एक बार ये प्रस्ताव राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में आया था, जिसमें कुछ संशोधन को कहा गया था। उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा की अध्यक्षता में बनी समिति इसका फार्मूला तैयार कर रही है। यह प्रस्ताव राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लाया जाएगा, जिससे पास होने के बाद ही ये लागू होगा।

अभी तक ऐसे बढ़ता है टैक्स

निजी वाहन : पड़ोसी राज्यों के टैक्स का अध्ययन करने के बाद तय किया जाता है। पिछली बार पांच लाख तक के वाहनों का 8 प्रतिशत, पांच से 10 लाख के वाहनों का 9 और 10 लाख रुपये से ऊपर कीमत के वाहनों का 10 प्रतिशत तय हुआ था।
सवारी वाहन : पहाड़ में उन क्षेत्रों को देखा जाता है, जहां परिवहन के साधन कम हैं और जरूरत ज्यादा है। ऐसे क्षेत्रों में निजी सवारी वाहनों का टैक्स अन्य के मुकाबले काफी कम रखा जाता है।
लोडिंग वाहन : अन्य राज्यों का टैक्स देखने के साथ ही राजस्व लक्ष्य, महंगाई आदि का मद्देनजर रखकर तय किया जाता है। यह रुपये प्रति टन प्रति तिमाही के हिसाब से तय होता है। जैसे 210 रुपये प्रति टन प्रति तिमाही। परिवहन विभाग को 77 प्रतिशत टैक्स निजी वाहनों और 20 से 23 प्रतिशत टैक्स ही लोडिंग वाहनों से मिलता है।