December 9, 2024

Word Of The Year: जापान में महंगाई ने बढ़ाई मुसीबत; इस शब्द की सबसे ज्यादा चर्चा, अब चुना गया ‘वर्ड ऑफ द ईयर’

जापान कांजी एप्टीट्यूड टेस्टिंग फाउंडेशन के वार्षिक सर्वे में 1,47,000 से अधिक लोगों ने टैक्स (कांजी) को सबसे ऊपर रखा है। अधिकारियों ने बताया कि पूरे साल आयकर में कटौती, नई इनवॉयस प्रणाली और कर दान योजना के लिए कड़े नियमों पर देश में काफी बहस हुई है।

सालों-साल ही नहीं, दशकों तक जापान (Japan) की जनता को लगातार गिरती कीमतों की आदत पड़ी हुई थी। लेकिन अब यहां भी स्थिति उलट गई है। जापान में महंगाई की दर बढ़कर 4 फीसदी से पार पर पहुंच गई है। महंगाई का यह स्तर 41 साल का उच्चतम है। तभी तो यहां गैस से लेकर बर्गर तक, सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। यहां के लोग सही से जीवनयापन करने को लेकर चिंता में हैं। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश के लोगों ने इस साल के शब्द के रूप में (वर्ड ऑफ द ईयर) ‘टैक्स’ यानी ‘कर’ को चुना है।

डेढ़ लाख लोगों ने सर्वे में लिया भाग
जापान कांजी एप्टीट्यूड टेस्टिंग फाउंडेशन के वार्षिक सर्वे में 1,47,000 से अधिक लोगों ने टैक्स (कांजी) को सबसे ऊपर रखा है। एसोसिएशन के अधिकारियों ने कहा कि पूरे साल आयकर में कटौती, नई इनवॉयस प्रणाली और कर दान योजना के लिए कड़े नियमों पर देश में काफी बहस हुई है। इसलिए इस शब्द को चुना गया है।

अगले साल भी होगी बहस
ओसाका के एक शख्स ने कहा कि कर शब्द पर सिर्फ इस साल ही नहीं अगले साल भी आप बहस होते देखेंगे। 2024 में उपभोग कर में वृद्धि, तंबाकू कर, कॉरपोरेट कर की समीक्षा आदि पर भी बात होगी। कराधान से संबंधित विषयों की कोई कमी नहीं होगी, इसलिए कांजी को चुना।

इतनी बढ़ गई महंगाई
बता दें, कर शब्द को ऐसे में चुना गया है, जब पिछले कुछ साल में जापान में 4.3 फीसदी तक महंगाई बढ़ गई है। इससे गरीबों की हालत बदतर हो गई है।

मुद्रा को नीचे धकेला 
बैंक ऑफ जापान के ब्याज दरों को कम रखने के फैसले ने यहां की मुद्रा को नीचे धकेल दिया है। इतना ही नहीं आयात की लागत में भी वृद्धि हुई है। भले ही इसे कोविड महामारी के बाद पर्यटकों को वापस लाने के एक प्रभावी तरीके के रूप में देखा गया था।

इससे पहले 1981 में आई थी इतनी तेजी
जापान के आंतरिक मामलों और संचार मंत्रालय ने बताया था कि इससे पहले उपभोक्ता कीमतों में इतनी तेजी दिसंबर 1981 में आई थी। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और कई अन्य देशों के बैंकों ने महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। लेकिन, बैंक ऑफ जापान ने अपनी मानक दर को लंबे समय से शून्य से नीचे 0.1 प्रतिशत पर रखा हुआ है। अमेरिकी डॉलर और अन्य मुद्राओं की तुलना में जापान की मुद्रा येन के मूल्य में भारी गिरावट ने बैंक ऑफ जापान पर दवाब ला दिया और इसका अंदेशा लगाया जाने लगा है कि वह भी जल्द ही नीतिगत दर बढ़ाना शुरू कर सकता है।