Dehradun: सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस ने किया राजभवन कूच, नेताओं की पुलिस के साथ धक्कामुक्की और तीखी बहस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से प्रेरित होकर विपक्षी दल के सांसदों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह भाजपा के फासीवादी एवं तानाशाही चरित्र का द्योतक ही नहीं, स्वस्थ लोकतंत्र के भविष्य के लिए भी उचित नहीं है।
लोकसभा एवं राज्यसभा में संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर बहस के दौरान 143 सांसदों को निलंबित किए जाने के मामले में कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने राजभवन कूच किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हाथीबड़कला के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। यहां धक्कामुक्की के साथ कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी बहस हुई।
इसके बाद कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और प्रदर्शन करने लगे। दोपहर बाद पुलिस प्रदर्शन कर रहे लोगाें को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई, जहां कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इस दौरान राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा गया।शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे कांग्रेस सहित सपा, सीपीआई और कम्युनिस्ट दलों के कार्यकर्ता कांग्रेस भवन में एकत्रित हुए।
कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में राजभवन की ओर कूच किया। इस दौरान माहरा ने कहा कि लोकसभा एवं राज्यसभा में संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे विपक्षी दलों के 143 सांसदों की अलोकतांत्रिक तरीके से निलंबित किया गया है।