November 21, 2025

Gangotri Dham: बर्फ से ढकीं चोटियां…नदियां, झरने और जंगल, कीजिए दीदार..खूबसूरत हर्षिल घाटी को आपका इंतजार

Chardham Yatra 2024 Gangotri Dham Harshil Valley is world famous for its natural beauty Watch Photos

हर्षिल घाटी जहां अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व विख्यात है। तो यह क्षेत्र पौराणिक मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। चारधाम यात्रा के दौरान यात्री गंगोत्री धाम के दर्शन के साथ हर्षिल घाटी के धराली, हर्षिल और मुखबा और बगोरी के सुंदर मंदिरों का दर्शन भी कर सकते हैं।

इसमें धराली गांव में मौजूद 5 हजार वर्ष पुराना कल्प केदार मंदिर मुख्य है। जिसका आधा भाग जमीन के 15 फीट भीतर तक है। हर्षिल घाटी में चारधाम यात्रा के दौरान यात्री यहां बर्फ से ढंकी चोटियों के साथ ही नदियों, झरनों, देवदार सहित थुनेर के जंगलों को लुत्फ भी उठाते हैं। यहां पर 12 माह पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का दीदार करने पहुंचते हैं। तो वहीं चारधाम यात्रा के दौरान यात्री इस प्राकृतिक सौंदर्य के बीच आध्यात्मिक अनुभूति का लुत्फ उठा सकते हैं।

इसमें सबसे प्रमुख धराली गांव का कल्प केदार मंदिर है। जो कि गंगोत्री धाम से 22 किमी पहले खीर गंगा और भागीरथी नदी के संगम पर गंगोत्री हाईवे से महज 20 मीटर की दूरी पर स्थित है। स्थानीय निवासी संजय पंवार बताते हैं कि यह मंदिर 5000 हजार वर्ष पुराना है।

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यहां पर 240 मंदिरों को समूह था। जो कि वर्ष 1803 के विनाशकारी भूकंप के दौरान भागीरथी नदी में झील बनने के कारण बह गए थे।
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मान्यता है कि जनपद के विभिन्न स्थानों पर स्थित शिवलिंग और मंदिर यहीं से बहकर विभिन्न स्थानों पर पहुंचे। यहां पर वर्तमान में एक ही मंदिर बचा हुआ है।

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जिसका आधा भाग जमीन के करीब 15 मीटर भीतर तक है। इसमें एक शिवलिंग भी मौजूद है। जो कि सफेद पत्थर की धातू का है।

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इसके साथ ही हर्षिल में जालंधरी नदी और भागीरथी के संगम पर स्थित 105 वर्ष पुराना लक्ष्मी नारायण मंदिर है। इस संगम को हरि प्रयाग कहा जाता है। इस प्रयाग का उल्लेख स्कंदपुराण के केदारखंड में किया गया है। इसके साथ ही बगोरी गांव में रिंगाली देवी और लाल देवता के मंदिर के साथ बौद्ध मठ स्थित है।