December 9, 2024

Uttarakhand: लगातार हो रहे सड़क हादसों से लिया सबक, अब 110 किमी सड़क पर गति सीमा होगी तय

अभी तक राज्य में वाहनों की गति सीमा तय करने के लिए कोई भी विशेषज्ञ एजेंसी नहीं है। आरआईटीई इसके लिए काम करती है।

Road accidents will stop speed limit will be fixed on 110 km road Uttarakhand News in hindi

पिछले दो माह से पर्वतीय मार्गों पर लगातार हो रहे सड़क हादसों से सबक लेते हुए अब परिवहन विभाग सड़कों की गतिसीमा तय करेगा। हादसों पर लगाम लगाने के लिए परिवहन मुख्यालय ने सड़क यातायात शिक्षा संस्थान(आईआरटीई) फरीदाबाद को ट्रायल के तौर पर 110 किमी सड़क के अध्ययन और गति सीमा तय करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

इसके लिए मुख्यालय और आईआरटीई के मध्य एमओयू साइन हो गया है। अभी तक राज्य में वाहनों की गति सीमा तय करने के लिए कोई भी विशेषज्ञ एजेंसी नहीं है। आरआईटीई इसके लिए काम करती है। यह संस्थान ऋषिकेश से श्रीनगर के बीच 110 किलोमीटर की सड़क पर ट्रैफिक दबाव, सड़क की चौड़ाई, ढलान, सुरक्षा उपायों, पूर्व के हादसों के आधार पर अध्ययन करेगी।

गति सीमा का किया जाएगा अध्ययन
अध्ययन के बाद इस सड़क पर अलग-अलग जगहों पर जरूरत के हिसाब से वाहनों की गति सीमा तय होगी। परिवहन मुख्यालय ट्रायल के तौर पर आईआरटीई से गति सीमा तय करने के बाद इसे सख्ती से लागू कराएगा। इसमें सुबह, दोपहर, शाम, देर शाम व रात को वाहन संचालन की अलग-अलग गति सीमा तय की जाएगी।

ट्रायल सफल होने के बाद प्रदेशभर की सड़कों पर इसी तरह गति सीमा का अध्ययन किया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य के पर्वतीय मार्गों पर पिछले दो माह में काफी संख्या में हादसे हुए हैं, जिनमें वाहन पलटने से लेकर खाई में गिरकर 15 लोगों की मौत के बड़े हादसे भी शामिल हैं।

परिवहन विभाग खुद तय कर सकेगा गति सीमा
आईआरटीई की ओर से राज्य के परिवहन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में परिवहन विभाग के अफसरों को सड़कों पर गति सीमा तय करने के सभी मानक समझाए जाएंगे। इससे ये लाभ होगा कि भविष्य में परिवहन विभाग के अधिकारी ही सभी मानकों के हिसाब से वाहनों की गति सीमा तय कर सकेंगे। वहीं, मुख्यालय के स्तर से गति सीमा में बदलाव का नियम तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। कुछ सड़कों पर गति सीमा भविष्य के आयोजनों को देखते हुए भी तय की जाएगी।
वाहनों की गति सीमा तय करने के लिए जल्द ही आईआरटीई 110 किमी सड़क का श्रेणीकरण कर देगी। जहां जो गति सुरक्षित होगी, वही लागू की जाएगी। भविष्य में अन्य सड़कों पर भी इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। -सनत कुमार सिंह, संयुक्त परिवहन आयुक्त, उत्तराखंड