December 9, 2024

Almora Bus Accident: हादसे ने एक बार फिर झकझोरा…बच सकती थी जनहानि, अगर 2018 की घटना से लिया होता सबक

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुए हादसे ने एक बार फिर से प्रदेश को झकझोरा है। ओवरलोडिंग, तेज रफ्तार के साथ ही परिवहन सुविधाओं का अभाव भी हादसे का बड़ा कारण बना।

Almora Bus Accident If lessons learnt from 2018 Dhumakot bus accident loss of life could have been avoided

शासन, प्रशासन और परिवहन विभाग ने यदि एक जुलाई, 2018 के धुमाकोट बस हादसे से सबक लिया होता तो सोमवार को मर्चूला हादसे से बचा जा सकता था। मर्चूला हादसे ने एक बार फिर धुमाकोट और नैनीडांडा क्षेत्र के जख्म हरे कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि मर्चूला हादसे के पीछे ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार के साथ ही सुदूरवर्ती क्षेत्र में समुचित परिवहन सुविधाओं का अभाव भी बड़ा कारण है।

एक जुलाई, 2018 को धुमाकोट क्षेत्र में बमेणीसैंण से भौन पीपली मार्ग पर धुमाकोट आ रही जीएमओयू की बस गहरी खाई में जा गिरी थी। तब हादसे में 48 लोगों की मौके पर ही जान चली गई। इस हादसे की वजह तब ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार बताई गई थी। इस हादसे के बाद भी धुमाकोट के सुदूरवर्ती क्षेत्र में चलने वाली परिवहन कंपनियों और सरकारी एजेंसियों ने कोई सबक नहीं लिया।

त्योहार व शादी बरात के सीजन में ज्यादातर हादसे
इसके बाद 4 अक्तूबर, 2022 को नैनीडांडा से सटे बीरोंखाल क्षेत्र के सिमड़ी में एक बारात की बस खाई में जा गिरी थी, जिसमें 34 लोगों की जान गई और 19 लोग घायल हुए थे। इस हादसे की वजह भी ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार बताई गई। ये इस क्षेत्र के बडे़ हादसे हैं, जिनके कुछ दिनों तक सड़क पर खूब सख्ती दिखी।

हर चेकपोस्ट पर चैकिंग चली, लेकिन बाद में जस के तस हालात हो गए। ग्रामीण अंचलों में होने वाले ज्यादातर हादसे त्योहार व शादी बरात के सीजन में ही होते हैं। सोमवार को हुए मर्चूला हादसे के पीछे एक बड़ा कारण ग्रामीण क्षेत्रों में समुचित परिवहन सुविधाओं का अभाव भी है। 

त्योहारी सीजन के कारण बस खचाखच भरकर चली
पौड़ी जिले के नैनीडांडा विकासखंड व धुमाकोट तहसील के ज्यादातर लोग रामनगर व कुमांऊ मंडल में निवास करते हैं। जो दीवाली, होली और शादी बरात के सीजन में घर गांव आते जाते हैं। ऐसा ही सोमवार को किनाथ से रामनगर की बस में हुआ। दरअसल, इन दिनों त्योहारी सीजन के कारण बस खचाखच भरकर चली।

रामनगर से किनाथ के लिए यह एकमात्र बस सेवा है, जो सुबह 6:00 बजे किनाथ से चलकर 10:00 बजे रामनगर पहुंचती है। यही बस शाम को 3:00 बजे रामनगर से चलकर शाम को करीब साढे़ छह बजे किनाथ गांव पहुंचती है। सुबह की यह बस निकल जाय तो फिर अगले दिन सुबह ही रामनगर के लिए बस मिलती है।

मर्चूला बस हादसे से व्यथित क्षेत्रीय विधायक दिलीप सिंह रावत का कहना है कि हादसे के बाद से ही वह घटनास्थल और रामनगर में मौजूद रहे। कहते हैं कि सड़क पर बिछी लाशें देखकर कलेजा फट रहा था। क्षेत्र में छोटी सीट वाले वाहनों का संचालन कराने के लिए सरकार को लिखा जा रहा है। ओवरलोडिंग को सख्ती से रोकना ही होगा।