November 21, 2025

Dehradun: 19 साल पहले गायब हुआ…अब छल से मिला नाम लेकर अपनी पहचान खोज रहा राजू, भावुक कर देगी कहानी

Dehradun News: युवक ने बताया कि वह करीब 19-20 साल पहले देहरादून से गायब हुआ था। उस वक्त उसकी उम्र नौ से 10 वर्ष के बीच थी। अब वह दून लाैटा लेकिन अपनों को नहीं खोज पा रहा है।

Dehradun News Disappeared 19 years ago now Raju is searching for his identity by using a fraudulent name

करीब 19 साल पहले गायब हुआ बालक कैद की जिंदगी से निकलकर जवानी में बाहर आया तो बदले दून में अपनों का ठिकाना नहीं ढूंढ पाया। पहचान के नाम पर उसके हाथ पर राजू नाम लिखा है, वह भी उसे कैद में रखने वालों ने छल से दिया है। पहले लिखे नाम को काटकर राजू गुदवाया गया है।

अब इस छल से मिले नाम से ही वह अपनी पहचान की खोज कर रहा है। पिता की किराने की दुकान थी। कहां थी अब उसे याद नहीं। चार बहने भी थीं, इनके नाम तक अब भूल चुका है। इन सब जानकारियों से पुलिस भी उसके परिजनों को नहीं खोज पा रही है। फिलहाल एक रैन बसेरे में ठहरने का इंतजाम भी पुलिस ने ही उसके लिए कराया है। औसत कद का एक युवक इन दिनों राजधानी की सड़कों पर कई मीलों पैदल चल रहा है। हर दिन कई मील चलने के बाद भी कोई राह उसके घर तक नहीं पहुंचा पा रही है। युवक पुलिस से मदद मांगने के बाद रविवार को अमर उजाला के दफ्तर पहुंचा था। बोलने में भी उसे दिक्कत हो रही थी।

युवक ने बताया कि वह करीब 19-20 साल पहले देहरादून से गायब हुआ था। उस वक्त उसकी उम्र नौ से 10 वर्ष के बीच थी। वह अपने साथियों के साथ खेलने निकला था तभी उसे कुछ लोग गाड़ी में बैठाकर ले गए। कई घंटों बाद जब उसकी आंख खुली तो एक वीरान सी जगह थी। वहां कुछेक कच्चे-पक्के मकान बने थे और भेड़ बकरियां बंधी थीं, जो लोग उसे ले गए थे वे उसके साथ मारपीट करते थे। कुछ दिनों बाद उसे भेड़-बकरी चराने का काम दिया गया। बाल बुद्धि के चलते उस वक्त उसने भागने की कोशिश तो की, लेकिन वीरान और दूर-दूर तक बंजर सी दिखाई देने वाली जमीन पर कोई राह नहीं दिखती थी। 

कुछ बड़ा हुआ तो उसे बांधकर रखा जाने लगा। हर दिन केवल एक रोटी खाने के लिए दी जाती और मांगता तो पिटाई की जाती। उसके जबड़े की हड्डी भी एक बार तोड़ दी गई थी। इससे वह बेहद कमजोर हो गया। सालों तक यही सब चलता रहा। सात दिन पहले उसके अंधेरे जीवन में एक ट्रक चालक रोशनी बनकर आया। ट्रक चालक देहरादून से वहां बकरियां लेने गया था। मौका पाते ही युवक ने उसे अपनी कहानी बता दी। ड्राइवर ने भी चालाकी से काम लिया और जाते वक्त उसे अपने साथ ट्रक में छिपा लिया।

वहां से उसे दिल्ली लेकर आया और ट्रेन में बैठाकर देहरादून पुलिस तक पहुंचने का रास्ता भी कागज पर लिखकर दे दिया। इस कागज को पढ़वाते हुए ही वह पुलिस तक पहुंचा। उसके हाथ पर राजू नाम लिखा है, लेकिन इसे भी पुराने नाम या किसी चिह्न को काटकर दोबारा गुदवाया गया है।

घंटाघर के पास रैन बसेरे में ठहरा है युवक
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर प्रदीप पंत ने बताया कि युवक को अपना नाम-पता कुछ मालूम नहीं था। ऐसे में उसके ठहरने की व्यवस्था घंटाघर के पास रैन बसेरे में की गई है। उसे इतना पता है कि उसके घर के पास एक सब्जी मंडी है। झंडा मेला आने तक वहां से आधा घंटा लगता था। इंस्पेक्टर पंत ने बताया कि उसकी फोटो को सभी थानों में भेज दिया गया है। घरवालों को तलाशने का प्रयास किया जा रहा है।