November 21, 2025

फर्जीवाड़ा: उत्तराखंड में 64 उर्दू शिक्षकों की भर्ती में खेल, पात्र न होने के बावजूद सीटीईटी करने वाले भी पा गए नियुक्ति

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मणिपुर के एक विश्वविद्यालय से कुछ अभ्यर्थी उर्दू स्नातक की डिग्री के आधार पर नियुक्ति पा गए। जिसका पता हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद विभाग की ओर से मामले में दाखिल याचिका का निपटारा करने के दौरान चला।

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रदेश में 64 उर्दू शिक्षकों की भर्ती में खेल हुआ है। पात्र न होने के बावजूद तीन अभ्यर्थी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर नियुक्ति पा गए। जबकि 31 अभ्यर्थियों को उत्तराखंड पात्रता परीक्षा में 90 फीसदी से कम अंकों के बावजूद सामान्य पदों पर नियुक्ति दे दी गई है।

प्रदेश में बेसिक के सहायक अध्यापकों के 2287 पदों पर चल रही भर्ती में विभाग की ओर से हाल ही में उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है, जो वर्ष 2012 से 2018 तक केंद्रीय शिक्षक एवं उत्तराखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए बीएड मान्य न होने के बावजूद गलत तथ्य दर्शाकर इसके आधार पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए हैं।

31 अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में 90 फीसदी से कम अंक मिले
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हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद विभाग की ओर से मामले में दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए विभाग ने अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाई है, लेकिन 64 उर्दू शिक्षकों की भर्ती में कुछ अभ्यर्थी सीटीईटी (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) के आधार पर नियुक्ति पा गए हैं। इनके अलावा 31 अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में 90 फीसदी से कम अंकों के बावजूद सामान्य पदों पर नियुक्ति दी गई है।

शिक्षा विभाग को यह भी शिकायत मिली है कि मणिपुर के एक विश्वविद्यालय से कुछ अभ्यर्थी उर्दू स्नातक की डिग्री के आधार पर नियुक्ति पा गए हैं। इनके मणिपुर से नियमित छात्र के रूप में डिग्री लिए जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जबकि इनमें से कुछ लोग मदरसों से मानदेय भी ले रहे थे।

उर्दू शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी को लेकर विभाग को शिकायत मिली है। जिसके आधार पर संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जा रही है। जरूरत पड़ने पर पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी।
– वंदना गर्ब्याल, शिक्षा निदेशक 

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