उत्तराखंड: बिजली खपत का पांच साल का रिकॉर्ड टूटा, गर्मी बढ़ने के साथ ही बढ़ा संकट, यह दो प्रमुख वजह
प्रदेश में इस साल सबसे ज्यादा बिजली संकट देखने को मिल रहा है। इसकी दो प्रमुख वजह बताई जा रही हैं। इस साल मार्च महीने में औसत डिमांड सर्वाधिक 37.944 मिलियन यूनिट और उपलब्धता 28.680 मिलियन यूनिट रिकॉर्ड हुई।

प्रदेश में बिजली खपत का इस साल नया रिकॉर्ड बन गया है। मार्च और अप्रैल माह में हो रही गर्मी के चलते इस साल मार्च और एक से दस अप्रैल के बीच रिकॉर्ड बिजली की डिमांड आई है। गर्मी बढ़ने के साथ ही ऊर्जा निगम की मुसीबत भी बढ़ती जा रही है। रोजाना यूपीसीएल को 12 से 15 करोड़ रुपये की बिजली खरीदनी पड़ रही है।
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प्रदेश में इस साल सबसे ज्यादा बिजली संकट देखने को मिल रहा है। इसकी दो प्रमुख वजह बताई जा रही हैं। पहली वजह तो यह है कि पिछले पांच साल में इस साल मार्च व अप्रैल माह में सर्वाधिक बिजली की डिमांड रिकॉर्ड हुई है। दूसरी वजह यह बताई जा रही है कि गैस व कोयला आधारित प्लांट बंद होने की वजह से बाजार में बिजली की किल्लत हो गई है। नेशनल एक्सचेंज में 12 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिक रही है। बावजूद इसके उत्तराखंड सहित सभी राज्यों को पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है।
वर्ष- औसत डिमांड- उपलब्ध बिजली
2018- 32-34 मिलियन यूनिट 19-28 मिलियन यूनिट
2019- 33-37 मिलियन यूनिट 36-38 मिलियन यूनिट
2020- 17-19 मिलियन यूनिट 21-25 मिलियन यूनिट
2021- 32-38 मिलियन यूनिट 18-26 मिलियन यूनिट
2022- 39-42 मिलियन यूनिट 29-31 मिलियन यूनिट
