भाजपा के भीतर से ही अब इस तरह की मांग उठ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री व गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत कहते हैं, सुनसान स्थानों पर बनें ऐसे रिजॉर्ट पर निगरानी रखने के लिए सरकार को गंभीरता से सोचना होगा। इसके लिए मानक बनाने होंगे। साथ ही ऐसे कार्यस्थल पर बेटियों के समय और उन्हें घर तक छोड़ने का प्रावधान भी करना होगा।
अलग नियामक बनाने की जरूरत
पर्यटन राज्य होने की वजह से राज्य में कोई भी सरकार होटल, रिजॉर्ट और गेस्ट हाउस के कारोबार को नियंत्रित नहीं करेगी, लेकिन वह ऐसा नियामक बना सकती है, जो इनके संचालन, यहां आने वाले लोगों और इनमें सेवा देने वाले कर्मचारियों के बारे में निरंतर सूचना प्राप्त करे।
अवैध हिस्से पर ही कार्रवाई हो
पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित कर रही प्रदेश सरकार यह भी नहीं चाहती कि एकतरफा कार्रवाई से गलत संदेश जाए। इसलिए मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को ताकीद किया कि जांच-परख कर अवैध पर कार्रवाई हो। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि यदि किसी रिजॉर्ट का कुछ हिस्सा अतिक्रमण में आता हो तो उसी हिस्से पर कार्रवाई की जाए।
महाराज ने भी सचिव पर्यटन को दिए निर्देश
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी सचिव पर्यटन को निर्देश दिए कि प्रदेश के होटलों, रिजॉर्ट और गेस्ट हाउस में कार्यरत महिला और बेटियों की सुरक्षा के लिए सख्त नियमावली बनाई जाए। इसके साथ ही यह भी कहा कि होटल में कार्यरत महिला कर्मचारियों का पूरा ब्योरा रखा जाए।