November 21, 2025

Uttarakhand: अब Chat GPT बता रहा कितनी योजनाओं पर कितने प्रतिशत हुआ काम, अफसरों के लिए बन रहा कारगर

चैट जीपीटी सचिवालय के अफसरों के लिए भी काम की साबित होने लगी है। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल का कहना है कि चैट जीपीटी एक मशीन लर्निंग है। निश्चित तौर पर भविष्य में इसका उपयोग बढ़ सकता है।

Chat GPT is becoming effective for many officers of the secretariat Dehradun Uttarakhand
किस योजना के तहत किस क्षेत्र में कितना काम हुआ है, चैट जीपीटी से अब इसका पता लगाना आसान हो रहा है। सचिवालय के कई आईएएस अफसर इस अत्याधुनिक सुविधा का लाभ लेने लगे हैं। आने वाले समय में उन्हें योजनाओं की प्रगति देखने में और आसानी हो जाएगी।

दरअसल, चैट जीपीटी एक ऐसा मॉडल है, जो बड़ी मात्रा में टेक्स्ट डाटासेट पर तैयार किया गया है। अंग्रेजी भाषा में इसे चैट जेनरेटिव प्रिंटेड ट्रांसफार्मर कहते हैं। इसका निर्माण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से किया गया है। धीरे-धीरे यह अत्याधुनिक सुविधा सचिवालय के अफसरों के लिए भी काम की साबित होने लगी है।

वह अपनी योजनाओं और उनकी प्रगति को लगातार देख सकते हैं। आर्टिफियल इंटेलीजेंस से उन्हें ये पता लगाने में भी आसानी होगी कि किस योजना के तहत क्या काम होने हैं। कितने काम पूरे हैं। कितने अधूरे हैं। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल का कहना है कि चैट जीपीटी एक मशीन लर्निंग है।

भविष्य में में बढ़ सकता है उपयोग
इस आभासी दुनिया में आपके पास काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर भविष्य में इसका उपयोग बढ़ सकता है। एक अन्य वरिष्ठ आईएएस का कहना है कि जिस तरह से चैट जीपीटी पर जानकारियों के साथ ही मशीन के माध्यम से विश्लेषण हो रहे हैं, वह आने वाले समय में एक नई क्रांति लेकर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकारों के लिए भी यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस काम का साबित हो सकेगा।

 

चैट जीपीटी पर कैसे करें काम

https://chat.openai.com/ पर पहले अपनी आईडी बनाएं। इसके बाद आप इसमें लॉगिन करें। लॉगिन करने के बाद आप जो भी चाहेंगे, उसी हिसाब से टाइप करें। आपको पूरी जानकारी पलक झपकते ही मिल जाएगी।