November 21, 2025

Uttarakhand: प्रदेश में अब इस्राइल कृषि तकनीक से होगी बागवानी…कम पानी में होगा फसलों का अधिक उत्पादन

इस्राइल में ड्राई लैंड फार्मिंग से कम पानी में अधिक उत्पादन किया जा रहा है। इस्राइल भ्रमण के दौरान वहां पर कृषि क्षेत्र में किए जा रहे अनुसंधान और तकनीकी को देखा।

Horticulture will now be done in Uttarakhand with Israel agricultural technology

राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की अध्यक्षता में इंडो-इस्राइल कृषि परियोजना की बैठक हुई। जिसमें इस्राइल एंबेसी के प्रतिनिधियों ने भी उत्तराखंड में नवीन कृषि तकनीक पर आधारित उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की जानकारी दी।

राज्यपाल ने कृषि क्षेत्र में इस्राइल तकनीक को सराहा। कहा, इस्राइल में ड्राई लैंड फार्मिंग से कम पानी में अधिक उत्पादन किया जा रहा है। इस्राइल भ्रमण के दौरान वहां पर कृषि क्षेत्र में किए जा रहे अनुसंधान और तकनीकी को देखा। यह तकनीक उत्तराखंड में भी कृषि व औद्यानिकी के क्षेत्र में एक क्रांति लाएगी। 

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में इस्राइल तकनीकी के लिए रोड मैप तैयार मिशन मोड में काम करने की आवश्यकता है। इसके लिए उद्यान विभाग और पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की ओर से योजना तैयार की जाए। उन्होंने इंडो-इस्राइल प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की केदारघाटी के शहद को प्रतीकात्मक रूप में भेंट किया गया।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारत और इस्राइल कृषि परियोजना का लक्ष्य फसल विविधता को बढ़ावा देने के साथ कम पानी के प्रयोग से उत्पादकता बढ़ाना है। इस्राइल कृषि प्रौद्योगिकी पर आधारित उत्कृष्टता केंद्र से राज्य में बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा। इसका लाभ किसानों को मिलेगा। कृषि तकनीक को सीखने के लिए उत्तराखंड का एक दल जल्द ही इजरायल जाएगा।

इस्राइल ने देश में स्थापित किए 24 उत्कृष्टता केंद्र
इस्राइल एंबेसी से आए येअर इशेल ने बताया कि इंडो-इस्राइल कृषि परियोजना के तहत 24 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा चुके हैं। राज्य मैदानी व घाटी क्षेत्रों में बागवानी की संभावनाओं को देखते हुए उत्तराखंड में भी सेंटर बनाया जाएगा। इसमें पंतनगर विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाएगा।