December 9, 2024

Uttarakhand News: सस्ती बिजली उत्पादन के लिए प्रदेश में बनी पंप स्टोरेज पॉलिसी, जानिए क्या फायदे मिलेंगे

दिन में सौर या अन्य माध्यम से आने वाली सस्ती बिजली से पानी नीचे से ऊपर भेजा जाएगा। इसके बाद रात को जब बिजली की भारी मांग (बाजार में महंगी बिजली) होगी, तब परियोजना से बिजली उत्पादन किया जाएगा।

Pumped storage policy made in the state for cheap electricity generation Uttarakhand news in hindi

प्रदेश में सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए सरकार पंप स्टोरेज पॉलिसी लाई है। इससे राज्य की नदियों पर परियोजनाएं लगाने वालों को जहां राज्य सरकार को 12.5 प्रतिशत रॉयल्टी नहीं देनी होगी, वहीं स्थानीय क्षेत्र विकास शुल्क, पारेषण शुल्क से भी छूट मिलेगी। इस नीति पर कैबिनेट बैठक में मुहर लग गई।

सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि पंप स्टोरेज पॉलिसी आने के बाद पीक समय में सस्ती बिजली मिलेगी। दिन में सौर या अन्य माध्यम से आने वाली सस्ती बिजली से पानी नीचे से ऊपर भेजा जाएगा। इसके बाद रात को जब बिजली की भारी मांग (बाजार में महंगी बिजली) होगी, तब परियोजना से बिजली उत्पादन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित नीति में परियोजनाओं के त्वरित विकास के लिए अन्तः राज्यीय पारेषण शुल्क, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि, निशुल्क रॉयल्टी विद्युत (12.5 प्रतिशत), भूमि पर हस्तांतरण, निकासी की त्वरित अनुमति, जल कर और सरकारी भूमि को 45 वर्षों की अवधि के लिए सर्किल दर से जुड़ी वार्षिक पट्टा दर पर आवंटित करने पर छूट दी जाएगी। 

निजी निवेशकों का चयन टेंडर के माध्यम से होगा
उन्होंने बताया कि नदियों पर पहले से चल रही परियोजनाओं की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह परियोजनाएं 45 साल के लिए होंगी, जिसके बाद राज्य सरकार के हवाले हो जाएंगी। नदियों पर चिन्हित क्षेत्रों में परियोजना बनाने में निजी निवेशकों का चयन टेंडर के माध्यम से होगा। वह अपने स्तर से स्थान चिन्ह्ति करके सरकार के सामने प्रस्ताव भी ला सकते हैं। ऑन स्ट्रीम के साथ ही ऑफ स्ट्रीम परियोजनाएं भी लगाई जा सकेंगी। सभी तरह की स्वीकृतियां मिलने के तीन साल के भीतर परियोजना का निर्माण करना होगा।

गैस प्लांट से मिलेगी सस्ती बिजली, वैट शून्य

विदेशों से आने वाली लिक्विफाइड गैस की तर्ज पर अब काशीपुर स्थित दो गैस आधारित बिजली प्लांट के लिए आने वाली सीएनजी पर भी वैट शून्य होगा। इससे गैस आधारित प्लांट संचालित हो सकेंगे और प्रदेश में बिजली आपूर्ति की कमी को दूर किया जा सकेगा। इनसे बनने वाली बिजली भी सस्ती होगी।