December 9, 2024

Dehradun News: रिस्पना किनारे अतिक्रमण को लेकर NGT में सुनवाई, अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई

रिस्पना किनारे अतिक्रमण को लेकर निरंजन बागची बनाम उत्तराखंड सरकार के बीच मामला चल रहा है। 13 मई को हुई पिछली सुनवाई में अतिक्रमण हटाने के मामले में लापरवाही मानते हुए एनजीटी ने अधिकारियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और हर हाल में नदी किनारे अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे।

Dehradun News Case Hearing in NGT on encroachment on Rispana officials reprimanded

रिस्पना नदी किनारे अतिक्रमण और शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट को लेकर एनजीटी में बुधवार को सुनवाई हुई। रिस्पना किनारे फ्लड प्लेन जोन के निर्धारण को लेकर कोर्ट ने अधिकारियों को खरी-खरी सुनाईं। अतिक्रमण पर कार्रवाई की जानकारी लेते हुए कोर्ट ने साफ कहा कि जो 20 आवास कार्रवाई से बाहर किए गए हैं, उनको पुनर्स्थापित किया जाए। साथ ही एमडीडीए को निरंजन बागची वाले मामले में सीधे तौर पर पार्टी बनाने के आदेश दिए।

रिस्पना किनारे अतिक्रमण को लेकर निरंजन बागची बनाम उत्तराखंड सरकार के बीच मामला चल रहा है। 13 मई को हुई पिछली सुनवाई में अतिक्रमण हटाने के मामले में लापरवाही मानते हुए एनजीटी ने अधिकारियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और हर हाल में नदी किनारे अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। साथ ही सीवेज को रोकने और फ्लड प्लेन जोन चिह्नित करने के लिए भी कहा था। बुधवार को हुई सुनवाई में नगर निगम की तरफ से उप नगर आयुक्त गोपाल कुमार बिनवाल पेश हुए। जबकि, वीसी के माध्यम से सदस्य सचिव पीसीबी पराग मधुकर धकाते और नगर आयुक्त गौरव कुमार जुड़े।

सिंचाई विभाग की ओर से बताया गया कि फ्लड प्लेन जोन की कार्रवाई जून 2025 तक पूरी कर ली जाएगी। इस पर एनजीटी ने कड़ी नाराजगी जताई। एनजीटी ने 2016 के आदेश का हवाला देते हुए पूछा कि आज तक यह काम क्यों नहीं हुआ? साथ ही कहा कि अगले दो महीने में रिस्पना किनारे फ्लड प्लेन जोन का काम पूरा किया जाए। वहीं, शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट के मामले की सुनवाई दूसरी बेंच के सामने की जाने की बात कही गई।

2016 से पहले के 20 अतिक्रमण पुनर्स्थापित किए जाएं
कोर्ट में नगर निगम ने अतिक्रमण पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट रखी। इसमें 89 अतिक्रमण निगम क्षेत्राधिकार और 400 से ज्यादा अतिक्रमण एमडीडीए के अधिकार क्षेत्र में बताए गए। निगम के अधिकारियों ने कहा कि नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के सभी अतिक्रमण हटा दिए गए हैं। करीब 20 अतिक्रमण 2016 से पहले के हैं, जो एक एक्ट की वजह से सुरक्षित हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि इन्हें हर हाल में पुनर्स्थापित किया जाए। वहीं, ज्यादातर अतिक्रमण एमडीडीए की भूमि पर मिले हैं, इसलिए कोर्ट ने एमडीडीए को इसमें पार्टी बनाया।