November 21, 2025

चुनाव से पहले हरिद्वार विधानसभा सीट में टिकट के लिए घमासान,भाजपा-कांग्रेस में सीटों के लिए होड़

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चुनाव से पहले हरिद्वार विधानसभा सीट में टिकट के लिए घमासान,भाजपा-कांग्रेस में सीटों के लिए होड़

उत्तराखंड की विधानसभा में सबसे अधिक 11 सीटें हरिद्वार जिले से आती हैं। 2017 के चुनाव में भाजपा ने इनमें आठ सीट जीतीं, तब कांग्रेस केवल तीन सीटों पर ही चुनाव जीत सकी।  इस बार कांग्रेस में आठ और भाजपा में पांच सीटों पर टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है। भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य राजैनतिक पार्टियों में टिकट के लिए दावेदारों की सूची भी लंबी होती जा रही है।

कांग्रेस :हरिद्वार नगर सीट पर बाहरी और स्थानीय प्रत्याशी का विवाद चल रहा है। रानीपुर, ग्रामीण व ज्वालापुर में दावेदारों की लंबी सूची बगावत का कारण बन सकती है। चारों विधानसभा सीटों में दावेदार हरीश रावत व प्रीतम गुट में बंटे हुए हैं। यहां भितरघात का सामना करना पड़ सकता है। मंगलौर, भगवानपुर और कलियर सीट 2017 में कांग्रेस ने जीती थी, इस बार भी यहां टिकट बंटवारे को लेकर ज्यादा घमासान नहीं है। खानपुर सीट पर पूर्व सीएम हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत का भी दावा है। उनकी पुत्री अनुपमा रावत लक्सर और खानपुर दोनों सीटों पर सक्रिय हैं। जातीय समीकरण साधना भी कांग्रेस के लिए चुनौती है।

भाजपा : 2017 के विधान सभा चुनाव में 11 में से 8 सीटें झटकने वाली भाजपा को इस बार कुछ सीटों पर भितरघात की आशंका है। रानीपुर, ज्वालापुर, हरिद्वार नगर सीट पर दावेदार बागी तेवर दिखाने लगे हैं। नगर सीट पर पूर्व मेयर मनोज गर्ग की दावेदारी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के लिए चुनौती बनी हुई है। रुड़की सीट पर सिटिंग विधायक प्रदीप बत्रा के सामने चौदह लोगों ने दावेदारी की है। झबरेड़ा सीट पर मौजूदा विधायक देशराज कर्णवाल को खुली चुनौती दी जा रही है। मंगलौर, भगवानपुर और कलियर सीट भाजपा कभी नहीं जीत पाई। यहां पार्टी के सामने जिताऊ चेहरा तलाशने की चुनौती है।

बसपा दोबारा जनाधार हासिल करने की कोशिश में
जिले में कभी बड़ी सियासी ताकत रही बसपा इस बार जातिगत समीकरणों को साधने का प्रयास कर रही है। भगवानपुर में बसपा ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र राकेश के भाई सुबोध राकेश को प्रत्याशी बनाया है। जबकि, जिले की आठ सीटों पर बसपा प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।

क्या कहती है मुद्दों की हवाएं
-ग्रामीण-पथरी व लालढांग में सीएचसी व डिग्री कालेज की मांग
-नगर- में नशे के फैलते कारोबार से मुक्ति की मांग, स्वास्थ्य सेवाएं
-ज्वालापुर- रोशनाबाद से बिहारीगढ़ मार्ग निर्माण की मांग
-रानीपुर-छह साल से अधर में लटके ईएसआई अस्पताल निर्माण की मांग
-रुड़की को जिला बनाने की मांग लंबे समय से है। शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या भी है
-झबरेड़ा- रुड़की से सटे इलाकों में जल भराव की समस्या
-भगवानपुर- औद्योगिक क्षेत्र में सुविधा,  मेडिकल कॉलेज निर्माण
-मंगलौर- गन्ना किसानों की समस्या

वर्ष 2017 में सीटों की स्थिति
भाजपा     08
कांग्रेस     03
बसपा      00
उक्रांद     00

जातीय गणित 
हिन्दू 1409325
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मुस्लिम 751818
सिख 20142
ईसाई 5658
बौद्ध 125
जैन 2901

ये हैं रिस्क फैक्टर
भाजपा

-एंटीइनकंबेंसी
-बगावत का खतरा
-गुटबाजी

कांग्रेस 
-भितरघात का खतरा
-कुछ चेहरे तय नहीं
-जातीय समीकरण

बसपा
-मजबूत संगठन की कमी
-कुछ सीटों पर पकड़
-जातीय समीकरण

आप
-नए चेहरे
-अनुभव की कमी
-पहली बार चुनाव

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