पंजाब का घमासान: हाईकमान ने सिद्धू का इस्तीफा किया नामंजूर, कहा- राज्य के नेता सुलझाएं मामला
कुछ दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद से सिद्धू पर सुपर सीएम होने के आरोप लग रहे थे।
पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच मंगलवार को पार्टी प्रधान नवजोत सिद्धू ने 72 दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद से सिद्धू पर सुपर सीएम होने के आरोप लग रहे थे। उधर, शीर्ष नेतृत्व ने नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है।
गौतम सेठ ने भी दिया इस्तीफा
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद गौतम सेठ ने पंजाब कांग्रेस के महासचिव (प्रभारी प्रशिक्षण) के पद से इस्तीफा दे दिया।
खैरा ने किया इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध
विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ स्टैंड लिया था। अगर उनके सुझावों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे निशब्द अध्यक्ष नहीं बनना चाहेंगे। हम उनसे इस्तीफा वापस लेने और उनकी शिकायतों के निवारण के लिए आलाकमान से अनुरोध करते हैं।
सिद्धू का इस्तीफा अस्वीकार
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। शीर्ष नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व से पहले अपने स्तर पर मामले को सुलझाने को कहा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।
योगिंदर ढींगरा ने भी महासचिव पद छोड़ा
योगिंदर ढींगरा ने नवजोत सिंह सिद्धू के प्रित एकजुटता दिखाते हुए पंजाब कांग्रेस के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। सिद्धू और मंत्री रजिया सुल्ताना व पार्टी के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल के बाद पद छोड़ने वाले ढींगरा तीसरे कांग्रेस नेता हैं।
सिद्धू के समर्थन में रजिया सुल्ताना ने दिया इस्तीफा
पंजाब की कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। रजिया सुल्ताना ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू सिद्धांतों वाले आदमी हैं। वह पंजाब और पंजाबियत के लिए लड़ रहे हैं। रजिया सुल्ताना के पति पूर्व आईपीएस मोहम्मद मुस्तफा नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार हैं।
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पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकता
मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम संबोधित त्यागपत्र में सिद्धू ने लिखा कि समझौता करने से व्यक्ति का चरित्र खत्म हो जाता है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब की जनता के कल्याण के एजेंडा से कभी समझौता नहीं कर सकता हूं। उन्होंने आगे लिखा, इसलिए मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। मैं कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा। वहीं सिद्धू के इस्तीफे के बाद गुलजार इंदर चहल ने पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
कैप्टन ने साधा निशाना
उनके इस्तीफे के बाद कैप्टन अमरिंदर ने अपनी पहली प्रतिक्रिया ट्वीट के माध्यम से दी। उन्होंने लिखा कि मैंने तो पहले ही कहा था कि यह आदमी स्थिर नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए सिद्धू सही नहीं है।
सलाहकार बोले- सिद्धांत की राजनीति करते हैं सिद्धू
वहीं सिद्धू के इस्तीफे पर उनके मीडिया एडवाइजर सुरिंदर डल्ला ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू सिद्धांत की राजनीति कर रहे हैं। नई सरकार ने कांग्रेस हाइकमान के 18 सूत्रीय फार्मूले पर कोई काम नहीं किया है। पिछले पांच दिनों के कामों से ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है
पंजाब की राजनीति में उलटफेर जारी है। मंगलवार को पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात पर अटकलों का सिलसिला खत्म भी नहीं हुआ था कि नवजोत सिद्धू ने इस्तीफा देकर नया धमाका कर दिया। वहीं सूत्रों के अनुसार, सिद्धू इकबाल प्रीत सहोता को डीजीपी बनाए जाने से नाराज थे।
पार्टी की जीत के साथ ही शुरू हुए थे विवाद
आज पंजाब कांग्रेस जिस समस्या से जूझ रही है, उसकी शुरुआत 2017 चुनाव में पार्टी की जीत के साथ ही हुई थी। दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू 2017 चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे। बेबाक अंदाज वाले सिद्धू राहुल और प्रियंका वाड्रा की पसंद थे। पार्टी जीती तो सिद्धू को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चाएं तेज हो गई। लेकिन जब कैप्टन सीएम बने तो उन्होंने साफ कर दिया कि पंजाब को डिप्टी सीएम की जरूरत नहीं है। राजनीति के जानकार मानते हैं कि अति महत्वाकांक्षी सिद्धू के लिए ये पहला झटका था और कैप्टन सिद्धू विवाद की शुरुआत यहीं से हो गई थी।